हर परिवार को मिलेंगे 3 हजार, पटना समेत 18 जिलों की 896 पंचायतें सूखाग्रस्त

राज्य के 18 जिलों की 896 सूखाग्रस्त पंचायतों में हर परिवार को 3-3 हजार रुपए की तत्काल सहायता दी जाएगी। शुक्रवार को कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए उन्हीं पंचायतों का चयन किया गया है जहां पर वर्षा में सामान्य से 30 प्रतिशत की कमी के साथ-साथ फसल का आच्छादन 70 प्रतिशत से कम हुआ है। इसके लिए कैबिनेट ने बिहार आकस्मिकता निधि से फिलहाल 900 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके अलावा 15 अक्टूबर को आधार मान कर उसके बाद किसानों के बीच इनपुट सब्सिडी का भी वितरण किया जाएगा।
इन पंचायतों में 30% से कम बारिश और 70% से कम रोपनी

कैबिनेट ने यह भी तय किया कि 15 अक्टूबर को आधार मान कर खेती की गई जमीन में दरार पड़ने, फसल के मुरझाने और उपज में 33 प्रतिशत या उससे अधिक की कमी का आकलन करने के बाद संबंधित प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा। उसके बाद किसानों को इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।

कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और कृषि सचिव एन सरवण कुमार ने कहा कि सूखाग्रस्त इलाकों में सभी परिवारों को तत्काल सहायता मिलेगी। लेकिन इन जिलों में जिनको बाढ़ पीड़ित के रूप में जीआर (ग्रैट्यूटस रिलिफ) के रूप में 6-6 हजार रुपए मिले होंगे, उनको सूखापीड़ितों को मिलने वाली सहायता नहीं दी जाएगी। सहायता राशि सीधे पीड़ित परिवार के बैंक खाते में दी जाएगी। कम बारिश का आकलन 5 सितंबर की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है। जबकि बुआई के आंकड़े 30 अगस्त को लिए गए थे। सूखाग्रस्त घोषित पंचायतों में मुजफ्फरपुर की लक्ष्मणपुर पंचायत और दरभंगा की वाजितपुर पंचायत भी शामिल है।

फसल चक्र बदल खेती की तैयारी शुरू हो गई है। शुक्रवार को कैबिनेट ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को मंजूरी देकर 60.65 करोड़ जारी किए हैं। कार्यक्रम को प्रायोगिक तौर पर लागू करने के लिए मधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नवादा, गया और नालंदा में 5-5 गांवों का चयन किया जाएगा।

पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, भागलपुर, बांका, वैशाली

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