फेल करने के बाद ताना मारने लगे लोग, मेहनत के दम पर बन गई IAS टॉपर, UPSC में मिला 12वीं रैंक

पहले प्रयास में मिली असफलता, फिर हासिल की 12वीं रैंक, जानें IAS ने कैसे क्रैक की UPSC CSE : किसी ने सच ही कहा है की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती… तो फिर क्या हुआ जब आप फेल कर गए. क्या हुआ कि रिजल्ट निकालने के बाद लोग ताने मारने लगे. लेकिन जिन्हें मेहनत करना आता है वह दूसरी बातों पर कहां ध्यान देते हैं. वह तो बस सिर्फ और सिर्फ अपना मंजिल पाना चाहता है. आज जिस लड़की की कहानी हम आपको बता रहे हैं उसने मेहनत के दम पर अपना मुकाम पाया है.

तेजस्वी राणा (IAS Tejasvi Rana) जब IIT कानपुर से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ले रही थीं, तब उन्होंने UPSC CSE की परीक्षा में बैठने का फैसला किया। उस समय वह अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में थीं।

साल 2015 में पहली बार तेजस्वी ने यूपीएससी की परीक्षा दी। उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन मेन्स की परीक्षा में सफल नहीं हो सकीं।

परीक्षा की तैयारी करने और सफल होने की अपनी यात्रा के बारे में उन्होंने बात करते हुए बताया, ”यह कहना ठीक नहीं होगा कि मैंने पहले और दूसरे प्रयास के बीच अपनी स्ट्रेटजी में बड़े बदलाव किए। बल्कि मैंने अपने अप्रोच और परीक्षा को समझने के साथ-साथ प्रेजेंटेशन स्किल में बदलाव किया।”

साल 2016 में अपने दूसरे प्रयास में, तेजस्वी ने ऑल इंडिया में 12वीं रैंक हासिल की। उन्होंने यह सफलता प्राप्त करने के लिए, जो बदलाव किए, उसके बारे में विस्तार से बताया है।

वह कहती हैं, “एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग आपकी रिसोर्स बुक के रूप में किया जाना चाहिए। कक्षा 9 की किताबों से शुरू करें और कक्षा 12 तक की किताबों को पढ़ें। इन किताबों का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि आपके सामने सिलेबस हो और जो भाग आपने पढ़ लिया है उसे टिक करते रहें।” कैंडिडेट को हमेशा परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले सिलेबस को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए।

साल 2015 में, जब तेजस्वी पहली बार परीक्षा में शामिल हुईं, तो वह अपने शुरुआती दौर में थीं। अपने पहले प्रयास से मिली सीख के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं, “जब तक सफल न हों प्रयास करते रहें और से यह समझने की कोशिश करें कि आपसे क्या अपेक्षा की जा रही है। हालांकि, हर बार अपना बेस्ट देना ज़रूरी है। परीक्षा को केवल अपनी ताकत और कमजोरियों का आकलन करने के तरीके के रूप में न लें।”

तेजस्वी (IAS Tejasvi Rana) बताती हैं, “जनरल स्टडीज़ में, पेपर 1 में इतिहास और भूगोल जैसे विषय होते हैं, जो स्टेटिक रहते हैं। इन्हें तैयार करने के लिए ज़रूरी रिसोर्स मटेरियल भी आसानी से मिल जाते हैं और इसके तय मानक हैं। लेकिन पेपर 2 में डायनमिक भाग होते हैं, जिसके लिए न्यूज़पेपर पढ़ना जरुरी है। इसके साथ ही करंट अफेयर्स से भी अपडेट रहना चाहिए।” इसके अलावा, नॉन-इकोनोमिक्स बैकग्राउंड के उम्मीदवारों के लिए, अपनी तैयारी शुरू करने से पहले बेसिक्स क्लियर करना फायदेमंद होगा।

वह (IAS Tejasvi Rana) कहती हैं, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी आंसर शीट सबसे अलग है, आपको अपने प्रजेंटेशन स्किल पर काम करना चाहिए। कैंडिडेट्स अपने आंसर शीट को लिखने के लिए विभिन्न डायग्राम, स्ट्रक्चर और यहां तक कि फ्लो चार्ट का उपयोग कर सकते हैं। यह निश्चित रूप से आपके जवाब को एक अलग रूप देगा। जहां भी ज़रूरत हो, वहां अपने जवाब के साथ उदाहरण और केस स्टडी भी दें।”

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