बिहार में खुलेआम चल रहा फर्जी मदरसा, हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश, अनुदान देने पर रोक

फर्जी कागजात के आधार पर अनुदान लेने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, बिहार के 2459 मदरसों की जांच कराने का आदेश,जांच होने तक 609 मदरसों का अनुदान रोका : बिहार में खुलेआम फर्जी मदरसा का संचालन किया जा रहा है और सरकारी अनुदान उठाया जा रहा है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए जहां बिहार सरकार को फटकार लगाई है वहीं जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही साथ यह भी कहा है जब तक जांच नहीं हो जाती तब तक अनुदान रोका जाता है. आइए डिटेल में आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

29 नवंबर, 1980 के बाद राज्य सरकार से अनुदानित 2459 मदरसों की जांच का आदेश पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया है। हाईकोर्ट ने तुरंत सभी डीएम के साथ बैठक कर उनके संसाधनों की जांच करने को कहा। जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान न देने का आदेश भी दिया। साथ ही जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता को लेकर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में डीजीपी को जांच की पूरी जानकारी कोर्ट को देने का भी फरमान सुनाया।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और पार्थ सारथी की पीठ ने सीतामढ़ी के मो. अलाउद्दीन बिस्मिल की अर्जी पर यह आदेश दिया। आवेदक के अधिवक्ता राशिद इजहार का कहना था कि फर्जी कागजात के आधार पर खुले मदसरों को भी अनुदान दिया जा रहा है। इसपर कोर्ट ने 2459 मदसरों की जांच का आदेश दिया।

क्या है मामला याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो. तस्नीमुर रहमान ने सरकारी अनुदान लेने वाले सीतामढ़ी के मदरसों की जांच रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया कि फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने अनुदान लिया है। इन पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में जवाबी हलफनामा देकर बताया है कि सरकारी अनुदान लेने वाले अन्य जिलों के 609 मदरसों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने खगड़िया, बांका, बेगूसराय, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, शिवहर, सीवान, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, पटना, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, रोहतास, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सीतामढ़ी, सारण, सुपौल, दरभंगा, वैशाली अररिया, औरंगाबाद, गया और गोपालगंज जिलों के मदरसों की जांच का निर्देश दिया। तय समय में जांच रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर अपर मुख्य सचिव ने इन जिलों के डीएम को स्मारपत्र भी दिया। लेकिन, सिर्फ सीतामढ़ी से रिपोर्ट आई। इसमें 88 मदरसों का अनुदान रद्द करने की रिपोर्ट दी गई है। इस पर हाईकोर्ट ने 2459 मदरसों की जांच का आदेश दिया।

● डीजीपी को अनुसंधान की पूरी जानकारी कोर्ट को देने का भी आदेश

● सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर मदरसों के संसाधनों के बारे में छानबीन करने को कहा

किसी भी सूरत में बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिएहाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि एक विशेष आयु तक के प्रत्येक बच्चे को शिक्षित होने का संवैधानिक और वैधानिक अधिकार है। इसलिए, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी संस्थान के बंद होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और उन्हें बच्चे के निवास स्थान के करीब किसी भी सरकारी या अन्य शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश दिया जाए। मामले पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

दोषी अफसरों पर भी होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी के चेयरमैन को चार सप्ताह के भीतर मदरसों की जांच करने का आदेश दिया। वहीं दर्ज प्राथमिकी के बारे में डीजीपी को अपने स्तर से हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने फर्जी मदरसों को दिये गये अनुदान की जांच में दोषी अधिकारियों सहित मदरसों पर कानूनी कार्रवाई करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने मदरसा कानून के तहत इनके संसाधन सहित अन्य पहलुओं की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया।

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR  आप हमे फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और WhattsupYOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *