नीतीश को केंद्र ने दिखाया ठेंगा, बाढ़ के लिए मांगे 72 हजार करोड़, मिले सिर्फ 3 हजार करोड़ रूपये

बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने पांच दिवसीय दौरे पर आई सात सदस्यीय केंद्रीय टीम ने माना है कि बिहार में भारी नुकसान हुआ है। टीम ने यह भी कहा कि नुकसान की तुलना में बिहार ने कम सहायता राशि मांगी है।

सीतामढ़ी, दरभंगा व मधुबनी का जायजा लेने के बाद रविवार को दिल्ली लौटने से पहले पटना में केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर नुकसान से संबंधित कुछ और आंकड़ों की मांग की। आपदा प्रबंधन विभाग मंगलवार तक संशोधित आंकड़ों के साथ केंद्रीय टीम को फिर से ज्ञापन सौंपेगा।

बिहार में चल रही जदयू-भ अभी तक यही माना जाता रहा है कि पटना और दिल्ली में एक ही दल या गठबंधन की सरकार होने पर विकास के लिए ज्यादा पैसा मिलता है। लेकिन विकास की छोड़िये आपदा से निपटने के लिए बिहार सरकार ने पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार से जितनी दफे पैसे मांगे उसमें से सिर्फ एक दफे ही पैसा मिला।पिछले दस सालों में बाढ़ और सुखाड़ जैसी आपदा में लोगों की मदद के लिए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रूपये की मदद मांगी।
लेकिन सिर्फ 2998 करोड़ रूपये की मदद मिली।

किस साल कितनी मदद मांगी, मिली कितनी : 2008 में केंद्र से मांगे गये 14808 करोड़, मिले सिर्फ 1000 करोड़, 2009 में केंद्र से मांगे 23071 करोड लेकिन मिले सिर्फ 267 करोड़, 2010 में केंद्र से मांगे 5182 करोड़ पर मिले सिर्फ 368 करोड़, , 2013 में केंद्र से मांगे गये 12564 करोड़ रूपये लेकिन कोई सहायता नहीं मिली, 2015 में केंद्र से मांगे गये 2475 करोड़ पर कोई सहायता नहीं मिली, 2016 में केंद्र से मांगे गये 4111 लेकिन करोड़ कोई मदद नहीं मिली, 2017 में केंद्र सरकार से मांगे गये 7636 करोड़ लेकिन मिले सिर्फ 1363 करोड़, 2019 में केंद्र से 2700 करोड़ रूपये मांगे गये हैं लेकिन अभी केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया है।

बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय केंद्र सरकार के रवैये से खुश हैं।
उनकी मानें तो केंद्र सरकार ने इस दफे बिहार में बाढ से आयी क्षति की जानकारी लेने के लिए विशेष टीम भेजी है

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