गांधी मैदान में नहीं हाेगी ईद की नमाज, धार्मिकसंस्थानों की अपील-न किसी से गले मिलें, न हाथ मिलाएं

ईद की नमाज इसबार भी गांधी मैदान में नहीं हाेगी। नमाज ईदैन कमेटी के अध्यक्ष महमूद अालम ने पहले ही एेलान कर दिया था कि काेराेना अाैर लाॅकडाउन की वजह से इस साल भी ईद की नमाज गांधी मैदान में नहीं हाेगी। गांधी मैदान में 1925 से ईद की नमाज हाेती रही है। इधर, इमारत-ए-शरिया के नाएब अमीर-ए-शरीयत हजरत माैलाना शमशाद अहमद रहमानी कासमी, जमाएत-ए-इस्लामी िहंद के क्षेत्रीय अमीर माैलाना रिजवान अहमद इस्लाही, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बाेर्ड के चेयरमैन माे. इरशादुल्लाह, बिहार स्टेट शिया वक्फ बाेर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास समेत कई संस्थानाें ने अपील की है कि इस साल ईद की नमाज घर पर ही पढ़ें। गाइडलाइन जारी करते हुए इन लाेगाें ने कहा कि नमाज के बाद गले नहीं मिलें। एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाएं। दूर से ही ईद की मुबारकबाद दें। माेबाइल से हैप्पी ईद कह दें। साेशल मीडिया पर बधाई दे दें। मुबारकबाद देने के लिए एक-दूसरे के घर नहीं जाएं। लाेगाें काे ईद की दावत न दें। ईद मिलन समाराेह अायाेजित न करें।

ईद की नमाज से पहले हर हाल में बांट दें फितरा
ईद की नमाज पढ़ने से पहले गरीबों के बीच फितरा जरूर बांट दें, ताकि वे भी ईद खुशी से मना सकें। नमाज से पहले फितरा दे दें तो सवाब के हकदार होंगे। अगर किसी खास वजह से फितरा नहीं दे पाएं तो जब फुर्सत मिले, इसे फौरन बांट दें। वह इसलिए कि फितरा गरीबों का है। परिवार के हर सदस्य पर फितरा 41 रुपए देना है।

सुबह 7 से ही बाजार में रही भीड़
लाॅकडाउन में इन दिनाें सुबह 7 से 11 तक ही दुकानें खुल रही हैं, इसलिए ईद की मार्केटिंग काे लेकर बुधवार काे बाजार में काफी भीड़ दिखी। सुबह 7 बजे से ही लुंगी, चप्पल, गंजी, टाेपी, इत्र, सेवई, लच्छे अाैर ड्राई फ्रूट्स की खरीदारी शुरू हाे गई। फुलवारीशरीफ, सब्जीबाग, अालमगंज, शाहगंज, पत्थर की मस्जिद, सुल्तानगंज, समनपुरा, लालबाग, रमना राेड, पटना सिटी समेत राजधानी के सभी मुस्लिम बहुल इलाकाें में खासी भीड़ थी। लाॅकडाउन की वजह से लाेगाें में इस साल भी नए कपड़े खरीदने अाैर सिलाने में दिलचस्पी कम दिखी।

अपने घर में ही नमाज पढ़ें और जमाएत के लिए बाहर के लाेगों काे नहीं बुलाएं
हजरत माैलाना शमशाद अहमद रहमानी कासमी ने अपील की है कि डॉक्टरों के सुझावों और सरकारी निर्देशों के अनुसार ईद उल फित्र की नमाज अदा करें। अपने घर में ही नमाज पढ़ें। घर में भी जमाएत के लिए बाहर के लाेगाें काे न बुलाएं। घर में ईद की नमाज जमाएत के साथ पढ़ने के लिए इमाम के अलावा तीन लाेगाें का हाेना जरूरी है। अगर किसी जगह एेसा शख्स माैजूद हाे, जाे ईद की नमाज पढ़ा सकता हाे पर खुतबा नहीं दे सकता हाे ताे उस हालत में बिना खुतबा के ही ईद की नमाज जायज है। जहां ईद की नमाज पढ़ाने वाला काेई न हाे ताे उस हालत में अकेले-अकेले हाेकर घर में चार रिकात एक सलाम के साथ नमाज अदा करें।

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