गणेश चतुर्थी आज, घर घर में होगी भगवान गौरी नंदन की पूजा

भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। भगवान गणेश को गजानन, गजदंत, गजमुख जैसे नामों से भी जाना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिन्दू पंचाग के भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुथी 2 सितंबर को शुरू हो रही है। आज यानी दो सितंबर को ही लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापति कर अगले 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाएंगे।

गणेश भगवान के उत्पत्ति की कथा -पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती स्नान करने से पहले चंदन का उपटन लगा रही थीं। इस उबटन से उन्होंने भगवान गणेश को तैयार किया और घर के दरवाजे के बाहर सुरक्षा के लिए बैठा दिया। इसके बाद मां पार्वती स्नान करने लगे। तभी भगवान शिव घर पहुंचे तो भगवान गणेश ने उन्हें घर में जाने से रोक दिया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और गणेश सिर धड़ से अलग कर दिया।

 

मां पार्वती को जब इस बात का पता चला तो वह बहुत दुखी हुईं। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें वचन दिया कि वह गणेश को जीवित कर देंगे। भगवान शिव ने अपने गणों से कहा कि गणेश का सिर ढूंढ़ कर लाएं। गणों को किसी भी बालक का सिर नहीं मिला तो वे एक हाथी के बच्चे का सिर लेकर आए और गणेश भगवान को लगा दिया। इस प्रकार माना गया कि हाथी के सिर के साथ भगवान गणेश का दोबारा जन्म हुआ। मान्यताओं के अनुसार यह घटना चतुर्थी के दिन ही हुई थी। इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

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