आज है गणेश चतुर्थी, पटना में सज धज कर तैयार हुआ पूजा पंडाल, श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह

जयकारों के साथ आज होगी भगवान गणपति की प्राण-प्रतिष्ठा :

लाल बाग के राजा (सिद्धि विनायक) की प्रतिकृति का मुंबई से पटना में आगमन सोमवार को हो गया। गणेश चतुर्थी (19 सितंबर) पर मंगलवार को इनकी प्राण प्रतिष्ठा दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल में होगी। इसके साथ ही 7 दिनी गणेश पूजनोत्सव कार्यक्रम शुरू होगा। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में भी पूजा करेंगे।

मूर्तियों के कारोबार से जुड़े पारस कहते हैं कि बड़ी संख्या में लोग गणपति की पूजा के लिए प्रतिमाएं खरीद रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि गणेश प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11. 7 मिनट से दोपहर 01.34 मिनट के बीच है।

बाईं ओर सूढ़ वाली मूर्ति देती है अभयदान महाराष्ट्र मंडल के सचिव संजय भोंसले बताते हैं कि जिस प्रतिमा में सूढ़ बांयी तरफ रहती है मान्यता है कि वे भगवान गणेश पूजा-प्रार्थना में होने वाली गलतियों को क्षमा करते हैं। वहीं दाएं सूढ़ वाले भगवान गणेश भक्तों की मनोकामना जल्दी पूरा करते हैं लेकिन गलतियों को जल्दी क्षमा नहीं करते हैं। मुंबई सिद्धि विनायक मंदिर में दाएं सूढ़ वाले भगवान गणेश विराजमान हैं। बेली रोड पर राजस्थान के मूर्तिकार अनिल सोलंकी बताते हैं कि लड्डू की तरफ सूढ़ रहने वाली मूर्ति शुभ परिणाम देती है। वे बताते हैं कि बीते दो दिनों में डेढ़ सौ से ज्यादा गणपति की प्रतिमा बेच चुके हैं।

महाराष्ट्र मंडल में बड़ा आयोजन महाराष्ट्र मंडल में इस वर्ष भी छह फीट के लाल बाग के राजा की ईको-फ्रेंडली प्रतिकृति स्थापित हो रही है। इसके मूर्तिकार मुंबई के दीपक गोटनकर हैं। इनके सिर पर हीरा जड़ित सोने का मुकुट सजेगा। पंडाल में चंद्रयान 3 का मॉडल भी देखने को मिलेगा। मंडल के सचिव संजय भोंसले कहते हैं कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति 1974 से स्थापित हो रही है। 50 साल पहले चार मराठी परिवारों ने इसे शुरू किया था आज 125 परिवार इस पूजा से जुड़े हैं। सात दिनों में साढ़े तीन लाख लोग यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। 24 सितंबर शाम को यहां राज्यपाल आरती में शामिल होंगे। पूजा के लिए मुंबई से पंडित प्रशांत जहागीरदार और पगड़ी पहनाने के लिए मचिन्द्र कनसे पटना पहुंच चुके हैं। गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश की प्रतिमा डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन, नौ दिन और 11 दिन के लिए बैठाने की परंपरा है।

श्रद्धालु अपने समय और श्रद्धा के अनुसार गणेश प्रतिमा स्थापित कर उसकी पूजा करते हैं। पटना के महराष्ट्र मंडल में सात दिवसीय पूजनोत्सव होता है।

हल्दी-कुमकुम 22 सितंबर को

महाराष्ट्र मंडल में 22 सितंबर को हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम होगा। महिलाएं विघ्नहर्ता गणेश के चरणों में हल्दी और कुमकुम अर्पित करती हैं। इसके बाद एक-दूसरे की मांग में अखंड सौभाग्य के लिए कुमकुम-हल्दी लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

25 सितंबर को होगा विसर्जन

महाप्रसाद और विसर्जन कार्यक्रम 25 सितंबर को होगा। इसके लिए महाराष्ट्र से 50 सदस्यीय झांझ पथक की टीम पटना 24 सितंबर तक पहुंचेगी। मूर्ति विसर्जन के दौरान सड़क पर टीम तरह-तरह के करतब दिखाएगी। सात दिवसीय पूजनोत्सव में तीन दिन भंडारा होता है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए सवा से डेढ़ क्विंटल प्रसाद में खीर, हलवा और खिचड़ी का भोग लगता है।

पंडित प्रेमसागर पांडेय बताते हैं कि गणपति की पूजा के लिए एक चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना कर भक्ति-भाव से पूजन करना चाहिए। गंगाजल से अभिषेक कर नया वस्त्रत्त्, फूल-माला, जनेऊ, दूर्वा आदि चढ़ाकर भगवान गणेश के मंत्र का जाप करने से शुभ फल प्राप्त होता है। धूप-दीप के पहले भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगना चाहिए। सुबह-शाम आरती करनी चाहिए

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