गया में लड़की को अगवा कर गैंगरेप, इज्जत के डर से घर में फांसी लगाकर की आत्महत्या, बोधगया में भी नाबालिग से दुष्कर्म

यहां के कोंच इलाके में नाबालिग लड़की को रास्ते से अगवा कर चार दरिंदाें ने गैंगरेप किया। लाेकलाज के चलते पीड़ित ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना बीते 29 सितंबर की है। नाबालिग सहेली के घर में बर्थडे पार्टी में गई थी। वहां से लौटते वक्त उसे रास्ते से उठा लिया गया और गैंगरेप किया गया।

दरिंदों ने रात भर हैवानियत का खेल खेला। इधर, लड़की के घर नहीं लौटने पर परिजन ने रातभर उसकी खोजबीन की, पर कुछ पता नहीं चल सका। घटना के दूसरे दिन सुबह में परिजन को बच्ची के एक घर में होने का पता चला तो वहां पहुंचे और उसे घर लाए।

परिजन ने पूछताछ की तो गैंगरेप से सहमी नाबालिग ने हैवानियत की दर्दनाक दास्तान बताई। वहीं परिजनों और लोकलाज की चिंता ने उसे इस कदर विचलित कर दिया कि वह अपने घर के एक कमरे में गई और दरवाजा बंद कर दुपट्टे को गले में बांधकर फांसी लगा ली। घर के लोगों को इसकी शंका हुई तो उन्होंने दरवाजा तोड़ा और अंदर आए तो लड़की को फांसी के फंदे से झूलते पाया।

आनन-फानन में उसे फंदे से उतारा गया और इलाज के लिए गया के प्राइवेट क्लीनिक पहुंचे। गया में गंभीर हालत में देख उसे पटना रेफर कर दिया गया। पटना में निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान युवती की एक अक्टूबर को मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव को लेकर वापस लौटे और कोंच थाना पहुंचे।

घटना की जानकारी होते ही पुलिस हरकत में आई और दरिंदों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई थी। लड़की की मां के बयान पर कोंच थाने में चंदन, राहुल, टुनटुन और एक अज्ञात शख्स पर एफआईआर दर्ज की गई है।

मगध विवि थाना अंतर्गत एक गांव में मूक-बधिर 12 साल की नाबालिग को अकेला देख दो बच्चों के पिता ने दुष्कर्म की शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया। मासूम को अकेला देख उसे घर से दूर ले जाने के बाद उसके हाथ और पैर बांध दिए। इसके बाद दरिंदगी करता रहा।

घटना की भनक गांव में लगी तो लोगों की भीड़ स्थल की ओर दौड़ी। भीड़ देख आरोपी ने भागने का प्रयास किया, किन्तु लोगों ने उसे खदेड़कर पकड़ा। पिटाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया गया। आरोपी सुरेन्द्र मांझी ने गुनाह कबूल लिया।

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