नई दिल्ली, मई 2025 — साल 2025 की पहली तिमाही में सोने में निवेश ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ की “अल्फा स्ट्रैटेजिस्ट रिपोर्ट” के मुताबिक, इस तिमाही में गोल्ड इन्वेस्टमेंट में 170% की साल-दर-साल बढ़ोतरी देखी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह रही गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी।
क्यों बढ़ा गोल्ड में निवेश?
दुनिया भर में बढ़ते राजनीतिक तनाव, व्यापारिक युद्ध (टैरिफ वॉर), और कमजोर होता अमेरिकी डॉलर, इन सब कारणों से निवेशकों को सोना एक सुरक्षित विकल्प नजर आया। इसी कारण गोल्ड की मांग बढ़ी और दाम भी आसमान छूने लगे।
कितना बढ़ा गोल्ड इन्वेस्टमेंट?
- Q1 FY25 में सोने में कुल निवेश: 552 टन
- गोल्ड ETF में निवेश: 226 टन (पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा)
- ग्लोबल गोल्ड सप्लाई: 1,206 टन (2016 के बाद सबसे ऊंचा स्तर)
- सोने का कुल बाजार मूल्य: 40% की साल-दर-साल बढ़त
Q1 FY25 का क्या मतलब है:
Q1 = “Quarter 1” यानी वित्त वर्ष की पहली तिमाही
FY25 = “Financial Year 2025” यानी वित्त वर्ष 2025
भारत में वित्त वर्ष (Financial Year) 1 अप्रैल से शुरू होता है और अगले साल 31 मार्च को खत्म होता है।
तो,
Q1 FY25 का मतलब है:
1 अप्रैल 2024 से 30 जून 2024 तक की अवधि।
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यह वह समय होता है जब कंपनियां और सरकार अपनी पहली तिमाही की रिपोर्ट तैयार करती हैं — जैसे कमाई, खर्च, निवेश आदि की जानकारी।
सरल भाषा में:
अगर कोई कहे “Q1 FY25”, तो आप समझिए कि वो अप्रैल से जून 2024 तक की बात कर रहा है, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही है।
भारत में क्या रहा हाल?
- भारत में भी लोगों ने गोल्ड ETF को ज्यादा पसंद किया। यहां ETF निवेश 11% बढ़ा।
- गोल्ड की कीमतें 23% बढ़कर ₹93,217 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं।
- इस कारण पारंपरिक खरीदारों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो गया।
सेंट्रल बैंकों ने भी बढ़ाई गोल्ड खरीद
- दुनिया के सेंट्रल बैंकों ने Q1 FY25 में 244 टन सोना खरीदा।
- RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने मार्च में 0.6 टन सोना और खरीदा, जिससे उसका कुल स्टॉक 879.6 टन हो गया।
- पिछले एक साल में RBI ने कुल 57.5 टन सोना जोड़ा।
गहनों की बिक्री में गिरावट
- गोल्ड की कीमत बढ़ने से गहनों की मांग 25% घटी और कुल बिक्री 71 टन रही — जो कि Q3 2020 के बाद सबसे कम है।
- हालांकि, कीमत बढ़ने की वजह से गहनों की वैल्यू में 3% बढ़त रही।
- लोग अब हल्के गहने खरीद रहे हैं, या पुराने गहनों को एक्सचेंज कर नए ले रहे हैं।
- गोल्ड लोन (जहां गहनों को गिरवी रखकर लोन लिया जाता है) का चलन भी बढ़ा है।
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सरल भाषा में समझिए:
अगर आप गांव में रहते हैं और सोचते हैं कि सोने में निवेश कैसे करें, तो आजकल लोग सोना खरीदने के बजाय शेयर बाजार की तरह Gold ETF में पैसा लगा रहे हैं। इसका मतलब है कि अब लोग सोना खरीदकर घर में रखने के बजाय डिजिटल रूप में निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
दूसरी ओर, सोने की कीमत बहुत ज्यादा हो गई है, इसलिए गहनों की बिक्री कम हो रही है। लोग गहने खरीदने की बजाय पुराने गहनों को एक्सचेंज करके काम चला रहे हैं। कुछ लोग तो उन गहनों को गिरवी रखकर लोन भी ले रहे हैं।
निष्कर्ष:
- निवेशकों के लिए सोना अभी भी भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है।
- सोना महंगा होने से गहनों की मांग घटी है, लेकिन डिजिटल रूप में निवेश बढ़ा है।
- RBI और दूसरे देश भी ज्यादा सोना खरीद रहे हैं ताकि मुश्किल वक्त में उनका खजाना मजबूत रहे।