पटना में ग्रेजुएट चायवाली का जलवा, मजबूरी में नहीं आत्मनिर्भर बनने के लिए शुरू की चाय की दुकान

ग्रेजुएट चायवाली का क्रेज, दोस्तों की मदद से किया था स्टार्टअप, मजबूरी में नहीं, आत्मनिर्भर बनने के लिए शुरू की चाय की दुकानसोच लिया चायवाला है तो चायवाली भी होनी चाहिए : लोग क्या सोचेंगे अगर यह भी हम सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे.. कुछ ऐसे ही शब्द पटना की इस चायवाली के बैनर पर हैं। गर्मी के दिनों में जब लोग अपने घरों में बंद रहना पसंद कर रहे हैं, तब प्रियंका इस धूप में चाय बनाकर पटना वीमेंस कॉलेज के फुटपाथ पर बेच रही है। लड़की को चाय बेचता देख हर कोई हैरान है, मन पहला सवाल यही है ऐसी क्या मजबूरी होगी कि चाय बेचनी पड़ रही है। लेकिन इन सवालों को दर किनार करते हुए प्रियंका अपने ग्राहकों को चाय देती नजर आती हैं। जब बैंक से लोन नहीं मिला तो उसने दोस्त से 30 हजार रुपए का लोन लिया और शुरू कर दी चाय की दुकान। किसी मजबूरी में नहीं उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुकान खोली।

रिर्सच करने के बाद वीमेंस कॉलेज को चुना
प्रियंका अपने स्टॉल पर पान चाय, कुल्हड़ चाय, मसाला चाय और चॉकलेट चाय बेचती हैं। इनकी कीमत 10 से 20 रुपए है। अर्थ शास्त्र से स्नातक के बाद घरवालों ने सरकारी नौकरी की तैयारी करने को कहा। उन्होंने भी तैयारी की लेकिन सफलता नहीं मिली। सोच लिया था कि आत्मनिर्भर तो बनना है। उसी बीच एमबीए चायवाले के वीडियो देखना शुरू किया। उनका काम बहुत अच्छा था, उनसे काफी प्रेरणा मिली। उस वक्त सोच लिया चायवाला है तो चायवाली भी होनी चाहिए। फिर काम करना शुरू कर दिया। दो महीने तक उन्होंने पटना के अलग अलग इलाकों के बारे में रिसर्च की। उसके बाद उन्होंने वीमेंस कॉलेज को चुना क्योंकि वहां पर एक भी चाय की दुकान नहीं थी।

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