Gujrat : गुजरात के हाजीपुर गाँव में एक गरीब आदमी रहता है जो प्लंबर की नौकरी करता है और किसी तरह अपने घर का गुजर बसर चलाता है. लेकिन इन दिनों वह चर्चा के केंद्र में बना हुआ है. उनकी चारों बेटियों ने एक साथ सफलता का परचम लहराते हुए पुलिस अफसर बन गई है. उनकी पत्नी हाउसवाइफ है. बेटियों की सफलता पर वे दोनों फूले नहीं समा रहे हैं वही बेटियों का कहना है कि वे लोग आज भी लोग जो कुछ हैं उसमें सिर्फ और सिर्फ माता-पिता का योगदान है.

ताजा अपडेट के अनुसार पाटन जिले की रहने वाली इन चार लड़कियों ने गुजरात पुलिस में एक साथ भर्ती होकर सफलता का परचम लहराया है. चारों बहनों का नाम जागृति, हिना, प्रियंका और हेतल है. नौकरी में सेलेक्ट होने के बाद इन्हें पहले ट्रेनिंग के लिए भेजा गया और ट्रेनिंग के बाद अलग-अलग जिले में नौकरी करने के लिए पोस्टिंग कर दी गई है. इन चारों बहनों को बतौर कांस्टेबल अर्थात दारोगा के रूप में नियुक्त किया गया है इनके पिता का नाम ईश्वर भाई चौहान है.
पिता कहते हैं कि गरीब परिवार से आने के कारण उनके पास अधिक जमीन नहीं है फिर भी किसी तरह खेती बाड़ी कर घर चलते हैं. वही बेटियों का कहना है कि पापा ने हम लोगों को पढाने के लिए दिन रात मेहनत कर पैसे कमाते थे.
पिता का कहना है कि जब खेती करने से अधिक पैसे नहीं हो पाया तब उन्होंने प्लंबर की नौकरी कर ली. उनके परिवार में चार बेटियों के अलावा एक बेटा है और बेटियों की नौकरी के बाद परिवार में सभी लोग खुशी पूर्वक रहते हैं.
नौकरी को लेकर तैयारी कैसी रही इस बात का जवाब देते हुए चारों बहनों का कहना है कि हम लोग स्कूल टाइम से ही एथलीट खिलाड़ी रह चुके हैं और हमने गांव में रहकर ही तैयारी की है हम कहीं भी बाहर पढ़ने के लिए कोचिंग नहीं जाया करते थे. गांव के ही एक शिक्षक हैं रमेश भाई देसाई जो गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ते लिखते थे और ट्रेनिंग देते थे.