बदल जाएगा JNU का नाम, भाजपा सांसद की मांग, कहा- मोदी जी के नाम पर रखा जाए ‘MNU’
भाजपा सांसद हंसराज के एक बयान पर नया विवाद छिड़ गया है। जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मांग करत हुए कहा कि जएनयू का नाम बदलकर एमएनयू अर्थात मोदी नेशनल यूनिवर्सिटी कर देना चाहिए।
#WATCH Delhi: BJP’s Hans Raj Hans speaks in JNU on Article 370 abrogation. Says “Dua karo sab aman se rahein, bomb na chale…Hamare buzurgon ne galatiyan ki hain hum bhugat rahe hain…Main kehta hoon iska naam MNU kar do, Modi ji ke naam pe bhi to kuch hona chahiye…” (17.08) pic.twitter.com/gejRVIXhZa
— ANI (@ANI) August 18, 2019
बीजेपी नेता और उत्तर पश्चिम से सांसद हंसराज हंस एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। शनिवार को जब वह एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू गए तो उन्होंने अनुच्छेद 370 पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि, ” दुआ करो सब अमन से रहें, बम न चलें, हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं, हम भुगत रहे हैं.. मैं कहता हूं कि इसका नाम MNU कर दो। उन्होंने कहा मोदी के नाम पर भी तो कुछ होना चाहिए।
शनिवार शाम को जवाहर लाल युनिवर्सिटी देशभक्ति में रंगी नजर आई। बीजेपी सांसद और गायक मनोज तिवारी और पंजाबी गायक हंसराज हंस ने पार्टी के नेता और भोजपुरी सुपस्टार निरहुआ के साथ जेएनयू परिसर को देशभक्ति गानों से भर दिया। ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के नेताओं ने विश्वविद्यालय में आगामी छात्रसंघ के चुनाव को देखते हुए इन गायकों को आमंत्रित किया था। उनका मकसद राष्ट्रवादी माहौल बनाकर युवाओं को राजनीतिक रूप से आकर्षित करना था। यह भी बता दें कि एबीवीपी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का संगठन है।
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम का नाम ‘एक शाम शहीदों के नाम’ रखा था। एबीवीपी के राज्य सचिव सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, ” यह एक देशभक्ति का कार्यक्रम था और हमने इसके लिए अनुमति ली थी। हमने देशभक्ति गानों के लिए मनोज तिवारी, हंसराज हंस और निरहुआ को मुख्य अतिथि के रूप में आंमत्रित किया था। यह एक अच्छी पहल थी और भविष्य में भी यह विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करेगी।
बता दें कि जेएनयू में 2016 में दक्षिणपंथी संगठनों के साथ राजनीतिक तनातनी मची थी, जिसे लेकर छात्रों के एक वर्ग द्वारा विरोध किया गया था और राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वालों को ” टुकडे- टुकड़े गैंग ” का अड्डा करार दिया। उसके बाद जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, एक वामपंथी नेता, और अन्य छात्रों को गि’रफ्तार कर लिया गया था और देशद्रो’ह का आ’रोप लगा दिया गया था।