आज है हनुमान जयंती, हनुमान चालिसा और सुंदरकांड की पाठ कर कोरोना को किया जा सकता है दूर

चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानिए पूजा की सामग्री, विधि, मुहूर्त, कथा और आरती

कोरोना वायरस के चलते इस बार घर पर ही मनाएं हनुमान जयंती का पंचांग अनुसार हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को होती है। इस दिन श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था। इस बार ये शुभ पर्व 08 अप्रैल को मनाया जायेगा। हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। जानिए लॉकडाउन के समय में घर पर कैसे मनाएं हनुमान जयंती क्या है पूजा विधि, मंत्र और अन्य जानकारी…

mahavir mandir patna

हनुमान जयंती मुहूर्त: पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 07, 2020 को 12:01 पी एम बजे, पूर्णिमा तिथि समाप्त – अप्रैल 08, 2020 को 08:04 ए एम बजे, पूजा का मुहूर्त- सुबह 8 बजे तक, सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:46 ए एम से 06:07 ए एम

हनुमान जी की पूजा विधि: इस दिन व्रत रखने वाले लोग एक दिन पहले से ब्रह्मचर्य का पालन करें। संभव हो तो जमीन पर सोयें। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रभू श्री राम, माता सीता व श्री हनुमान का स्मरण करें। इसके बाद नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान कर हनुमान जी की पूजा आरंभ करें। इसके लिए हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित करें। हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। फिर हनुमान जी की आरती उतारें। प्रसाद के रूप में गुड़, भीगे या भुने चने व बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। पूजन सामग्री में सिंदूर, केसर युक्त चंदन, धूप, अगरबती, दीपक के लिए शुद्ध घी या चमेली के तेल का उपयोग करें। भगवान को गैंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी आदि पुष्प अर्पित करें। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है।

हनुमान जी की जन्म कथा: हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं| उनके जन्म के बारे में पुराणों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया को उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया| जिसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ|

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *