मजदूर का बेटा बना अफसर, UPSC परीक्षा पास करने के बाद बोला- मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था

पिता मजदूर थे, मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था’, चयन होने पर दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल राम भजन बोले :

दिल्ली पुलिस के 34 वर्षीय हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने अपने आठवें प्रयास में 667वीं रैंक हासिल की. साइबर सेल पुलिस थाने में तैनात कुमार उन 933 उम्मीदवारों में से एक हैं जो इस परीक्षा में सफल हुए.

दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने कहा कि मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है. यह मेरा आठवां प्रयास था. चूंकि, मैं ओबीसी श्रेणी से हूं, इसलिए मैं नौ प्रयासों के लिए योग्य हूं. मेरे पास एक आखिरी मौका बचा था. अगर, मैं इस बार सफल नहीं हुआ होता तो मैं अगले प्रयास की तैयारी में जुट जाता.

उन्होंने आगे कहा कि दरअसल, मैं अपनी रैंक में सुधार करने के लिए 28 मई को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में फिर से शामिल हो रहा हूं. राम भ्ज्ञजन कुमार ने अपने पिछले प्रयास के बाद फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि मैं सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा की तैयारी कर रहा था कि मैं और बेहतर कर सकूं. उन्होंने आगे कहा कि  मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था. मैं, राजस्थान के एक गांव से आता हूं. मेरे पिता एक मजदूर थे. मैंने देखा है कि मेरे परिवार ने हमें शिक्षित करने और हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कितना संघर्ष किया है. हमने तब भी उम्मीद नहीं खोई थी. जब मुझे मौका मिला, तो मैंने सोचा कि मैं इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा.

सिविल सेवा परीक्षा-2022 में कुल 933 उम्मीदवार सफल हुए जिनमें 613 पुरुष और 320 महिला उम्मीदवार शामिल हैं. राम भजन कुमार ने कहा कि परीक्षा के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद उन्हें परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के शुभकामना संदेश मिलने लगे. मैं, बहुत खुश हूं, मैं जो चाहता था वो मुझे मिल गया. 

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR  आप हमे फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और WHATTSUP, YOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *