अयोध्या राम मंदिर को लेकर हाई अलर्ट, यूपी में 30 नवंबर तक अफसरों की छुट्टियां रद्द

PATNA : उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर फील्ड में तैनात अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक के लिए रद्द कर दी हैं। अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) मुकुल सिंहल ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।

आदेश में कहा गया है कि सभी अफसर मुख्यालय में बने रहेंगे। अत्यधिक अपरिहार्य स्थिति के अलावा किसी की छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी। इसके पीछे हालांकि त्योहार को कारण बताया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। सभी मंडलाध्यक्षों को आदेश भेज दिया गया है। कई राज्यों में सतर्कता यूपी, मध्यप्रदेश के साथ कई राज्यों में सतर्कता बरती जा रही है। मध्यप्रदेश पुलिस ने पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए निदेर्शों में ऐहतियातन कदम उठाने के लिए कहा है।

न्यायिक इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई, हफ्ते में पांच दिन चली जिरह : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई 40 दिन में पूरी हुई तो पता ये चला कि भारत के न्यायिक इतिहास में ये दूसरी सबसे लंबे समय तक चलने वाली सुनवाई थी। इससे पहले केशवानंद भारती केस की सुनवाई शीर्ष अदालत ने 68 दिनों तक की थी। आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली अर्जी पर 38 दिन तक सुनवाईहुईथी।

वर्ष 1973 में ‘केशवानंद भारती बनाम केरल’ के मामले में 13 जज की संविधान पीठ ने अपने ही संवैधानिक रुख में संशोधन करते हुए कहा था कि संविधान संशोधन के अधिकार पर एकमात्र प्रतिबंध यह है कि इसके माध्यम से संविधान के मूल ढांचे को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए। यह सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 से 23 मार्च 1973 तक चली। आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली अर्जियों पर तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई की थी। 38 दिन सुनवाई के बाद गत वर्ष 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था और सितंबर में फैसला सुनाया।


यह पहला मौका था जबकि अदालत की संविधान पीठ ने सप्ताह में पांचों दिन लगातार सुनवाई की। इससे पहले संविधान पीठ सप्ताह में सिर्फ तीन दिन नियमित सुनवाई के लिए तय मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही सुनवाई करती थी।

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