सुपर-30 के आनंद कुमार पर हाईकोर्ट नाराज, 5 छात्रों को देना होगा Rs. 10-10 हजार जुर्माना

सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना, जानें क्या है अ’पराध
आदेश के बावजूद सुपर-30 के आनंद कुमार के पेश नहीं होने पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई। आईआईटी-गुवाहाटी के चार छात्रों की जनहित याचिका में आनंद पर ठगी करने का आरोप लगाया गया है। चीफ जस्टिस अजय लांबा की पीठ ने गैरहाजिर रहने पर आनंद को पांच छात्रों को 10-10 हजार रु. मुआवजा देने का अादेश दिया। साथ ही कोर्ट ने उन्हें 28 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है। आरोप के मुताबिक पिछले साल आनंद ने दावा किया था कि सुपर-30 के 26 छात्र आईआईटी में दाखिला लेने में सफल रहे, पर उन्होंने इनका नाम नहीं जारी किया। अपने दुष्प्रचार के जरिए आनंद छात्रों व अभिभावकों को ठग रहे हैं।

पीठ इस बात से नाराज थी कि पूर्व के आदेश के बावजूद वह हाजिर नहीं हुए, इसलिए उसने उनको पांच अभिभावकों और छात्रों में से रह एक को 10 हजार रुपये देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अजय लांबा और एएमबी बरुआ की पीठ ने अब आनंद को अगुली सुनवाई की तिथि 28 नवंबर को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। इसके पहले 19 नवंबर को अदालत ने आनंद को 26 नवंबर को हाजिर होने को कहा था। आरोप के मुताबिक पिछले साल आनंद ने दावा किया था कि सुपर-30 के 26 छात्र आईआईटी में दाखिला लेने में सफल रहे, लेकिन उन्होंने इन छात्रों का नाम नहीं जारी किया। याचिका में कहा गया है कि अपने झूठे प्रोपेगैंडा के जरिये आनंद आईआईटी में दाखिला लेने की तैयारी में जुटे छात्रों उनके अभिभावकों को ठग रहे हैं। गौरतलब सुपर-30 बिहार की राजधानी पटना स्थित एक संस्था है जो आईआईटी में दाखिला लेने के इच्छुक आर्थिक रूप से गरीब बच्चों को कोचिंग की सुविधा प्रदान करने का दावा करती है।

यह है मामला : यह मामला सितंबर,2018 का है जब चार आईआईटी छात्रों ने याचिका दायर करके आनंद पर आरोप लगाया था कि वह गरीब छात्रों की मदद करके उनका आईआईटी में दाखिला कराने का झूठा दिखावा कर रहे हैं। आरोप के मुताबिक सुपर-30 में दाखिला देने के नाम पर हर छात्र से 33 हजार रुपये लेकर उसे पटना स्थित ‘रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स’ नामक कोचिंग में दाखिला दिया जाता है। आरोप है कि साल 2008 के बाद से सुपर-30 की कक्षाएं नहीं चल रही हैं, लेकिन हर साल आईआईटी-जेईई का परिणाम घोषित होते ही यह सुपर-30 मीडिया के समक्ष अवतरित हो जाती है। रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के कुछ छात्रों को दिखाकर दावा किया जाता है कि ये छात्र सुपर-30 के हैं जो आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करने में सफल रहे।

आईपीएस अभयानंद सुपर-30 से अलग : याचिका के आधार पर ही अदालत ने पिछले साल सितंबर में आनंद और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभयानंद को नोटिस जारी किया था। इन दोनों ने सुपर-30 की शुरुआत 2002 में की थी, लेकिन 2008 में दोनों अलग हो गए। नोटिस का जवाब देने के लिए भले ही आनंद अदालत में हाजिर नहीं हुए, लेकिन अभयानंद ने इस साल जनवरी में ही हलफनामा दायर करके बता दिया था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि 2008 के बाद सुपर-30 कैसे चल रही है।

दुनिया की अधिकतर समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है। अधिकतर समस्याओं की गरीबी और अज्ञानता में ही उनकी उत्पत्ति है। ये बातें Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने विश्वविद्यालय में कहीं। उन्हें वहां कैम्ब्रिज यूनियन, दुनिया के सबसे पुराने डिवेटिंग एवं फ्री स्पीच सोसायटी की ओर से बुलाया गया था। इस तरह वहां बोलने का उनका सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सबसे बड़ी चुनौती सभी को समान अवसर प्रदान करना है।

आनंद ने सुपर 30 के अपने छात्रों की कुछ वास्तविक जीवन की कहानियां प्रस्तुत कीं। अपनी गरीबी के दिनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर हमने खो दिया था। इसका हमें बहुत अफसोस हुआ था। उन्होंने बताया कि सुपर 30 के कई छात्र अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं। हमने उन्हें सिर्फ अपनी क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान किया। इसके बाद बाकी का रास्ता छात्रों ने तय किया वे अपनी मेहनता से बुलंदी तक गये।

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