हाई कोर्ट में रिटायर्ड जजों की नहीं होगी बहाली, मोदी सरकार ने प्रस्ताव किया खारिज

हाईकोर्ट में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति पर नहीं बनी सहमति : आखिरकार फैसला हो ही गया. एक बार फिर सहमति नहीं बन पाने के कारण यह तय हो गया कि देशभर के हाई कोर्ट में रिटायर्ड जजों की नियुक्ति नहीं की जाएगी. आसान भाषा में कहे तो रिटायर्ड जज को हाई कोर्ट में सुनवाई का मौका नहीं दिया जाएगा. ताजा अपडेट के अनुसार हाईकोर्ट में एडहॉक जज के रूप में नियुक्ति करने पर सभी लोग सहमत नहीं हो पाए. सबका कहना था कि जो सुझाव दिए जा रहे हैं वह काफी जटिल है और इसमें अस्पष्टता का अभाव है. केंद्र सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया में समय भी बहुत लग रहा है. इतनी देर में तो नई जज की नियुक्ति की जा सकती है

आइए आपको डिटेल में बताते हैं कि प्रस्तावित प्रक्रिया में क्या क्या नियम थे. सबसे पहले हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजना होगा. इसकी जांच की जाएगी और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजा जाएगा. अंतिम फैसला लेने का पावर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के पास ही है.

बताते चलें कि नए प्रस्तावित नियम पर पहले भी असहमति जाहिर की जा चुकी है. 2010 और 11 में हाईकोर्ट के उस समय के मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि रिटायर्ड जज को हाईकोर्ट में नियुक्त करना ठीक नहीं है इससे अच्छा होगा कि नए जज को बहाल किया जाए.

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