बस ड्राइवर की बेटी प्रीती बनी IAS अफसर, खुशी से झूम उठा पूरा परिवार, कहा- शाबाश बिटिया

नई दिल्ली 25 अप्रैल 2023 : आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसके पिता बस चालक थे अर्थात् ड्राइवर थे. लेकिन बेटी में यूपीएससी परीक्षा पास करना सिर्फ माता-पिता का नाम रोशन किया बल्कि अपने गांव जिले और राज्य का नाम भी ऊंचा कर दिया. बेटी कहती है कि जब मैं आईएएस अधिकारी बन गई तो मैंने पापा को फोन किया उस समय पापा बस चला रहे थे उन्होंने एक ही बात कहा कि शाबाश बिटिया ऐसे ही अपना नाम रोशन करते रहो. कहानी है हरियाणा की बेटी प्रीति हुड्डा की. उनके पिता अर्थात दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में बस ड्राइवर है. प्रीति ने 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और देश भर में 288अंक प्राप्त किए. आइए जानते हैं हरियाणा की बेटी प्रीति की कहानी…

प्रीति कहती है कि मैं स्कूल के समय से ही पढ़ने में बहुत तेज थी. हमेशा अव्वल आती थी. मैट्रिक परीक्षा में मुझे 77% अंक मिले. की परीक्षा में 1:30 7% अंक प्राप्त हुए. दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज से मैंने हिंदी विषय में ग्रेजुएशन किया है. इस परीक्षा में मुझे 76% नंबर मिले. इसके बाद में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी अर्थात जेएनयू चली गई और वहां से पीएचडी करने लगी. हमारा परिवार ना सिर्फ साधारण था बल्कि बहुत गरीब था.

पापा का सपना था कि बेटी IAS बने: प्रीति ने कहा कि “जब मेरा UPSC का रिजल्ट आया तो मैंने पापा को फ़ोन किया। उस वक़्त मेरे पापा बस चला रहे थे। रिजल्ट सुनने के बाद पापा बोले:-‘शाबाश मेरा बेटा’ , जबकि मेरे पिता मुझे कभी शाबासी नहीं देते थे”।

दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान प्रीति ने बताया था कि उनका इंटरव्यू लगभग 35 मिनट चला था, जिसमें करीब 30 सवाल पूछे गए थे। प्रीति ने अपना इंटरव्यू भी हिन्दी में ही दिया था और उनका विषय भी हिन्दी ही था। प्रीति अपने इंटरव्यू में 3 सवालों के जवाब नहीं दे पाई, लेकिन उन्होंने अपना कॉन्फिडेंस लूज नहीं होने दिया। उसके इंटरव्यू में भी जेएनयू से जुड़े सवाल ही पूछे गए थे।

इंटरव्यू के दौरान प्रीति से पूछा गया था कि:-आप जेएएनयू से पढ़ाई की हैं, इस यूनिवर्सिटी की इतनी निगेटिव इमेज लोगों के बीच क्यों हैं? तो इसके जवाब में प्रीति हुड्डा ने कहा कि:-“जेएनयू सिर्फ़ निगेटिव इमेज के लिए ही नहीं जानी जाती है। इसे भारत की सभी universities में फर्स्ट रैंक मिल चुकी है”।

प्रीति हुड्डा ने हिन्दी मीडियम से ही अपना पेपर दिया। इसके अलावा परीक्षा में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट भी हिन्दी ही था। उन्होंने अपना पूरा इंटरव्यू भी हिन्दी में ही दिया है।

यूपीएससी की तैयारी करने को लेकर प्रीति ने कहा कि लगातार 10 घंटे की तैयारी की बजाय आपको एक प्लानिंग के थ्रू अपनी पढ़ाई करनी होगी, थोड़ा सोच समझकर दिशा तय करके पढ़ाई करनी चाहिए। अपनी तैयारी को कभी भी बहुत ज़्यादा सीरियस दिमाग़ से मत लीजिए। तैयारी के साथ-साथ मस्ती भी ज़रूर करिए। फ़िल्में देखिए, या फिर कुछ ऐसा ज़रूर कीजिए, जिससे आप रिलेक्स हो सकें और बहुत सारी किताबें पढ़ने की बजाय, सीमित तरीके से पढ़िए और उसे ही बार-बार पढ़े, जिससे आपकी कांसेप्ट पूरी तरह से क्लियर हो जाए।

प्रीति कहती हैं, मैं बिल्कुल साधारण परिवार की हूँ और संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी हूँ। जहाँ खासकर लड़कियों की शिक्षा के बारे में बहुत ध्यान नहीं दिया जाता है। हमारे समाज में ऐसा मानना है कि लड़की को ग्रेजुएशन कराने के बाद उसकी शादी कर दो। लेकिन मेरे माता-पिता कि सोच इससे अलग थी और उन्होंने मुझे उच्च शिक्षा दी और मेरा जेएनयू में एडमिशन कराया। उनकी इस सफलता के पीछे उनके मेहनत के साथ-साथ पूरे परिवार का भी सहयोग है, जिससे आज वह इस मुकाम तक पहुँच पाई हैं।

अगर आप हमारी आर्थिक मदद करना चाहते हैं तो आप हमें 8292560971 पर गुगल पे, फोन पे या पेटीएम कर सकते हैं..

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR  आप हमे फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और WHATTSUP, YOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *