PATNA : पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर सहित अन्य रेलवे स्टेशनों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ है। लोग महाकुंभ स्नान के लिए माघी पूर्णिमा से पहले हर हाल में प्रयागराज जाना चाह रहे हैं। भीड़ बहुत अधिक है। जयनगरमे गाड़ी खुलने से पहले ही हाउस फुल हो चुका है। हाउस फुल मतलब जिनके पास कंफर्म टिकट था वे भी और जिनके पास नहीं था वे भी क्या जनरल और क्या स्लीपर, एसी डिब्बों में जाकर अपना कब्जा जमा लेते हैं। इन लोगों ने यह भी तय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए गेट को नहीं खोलना है।
इसी बीच ट्रेन मधुबनी स्टेशन पहुंचती है। गाड़ी का स्टॉपेज मात्र पांच मिनट है, लेकिन यहां एक घंटें तक ट्रेन को रोका जाता है। लाख प्रयास के बाद भी जब गेट को नहीं खोला जाता है तो लोग उग्र हो जाते हैं और एसी डिब्बे के खिड़कियों को तोड़ने लगते हैं। देखते ही देखते वीडियो वायरल होने लगता है।
मैंने पटना जंक्शन पर कुंभ के लिए जा रहे एक लड़के से पूछा कि बिहार के लोग ऐसा क्यों करते हैं। भीड़ अधिक थी तो यात्रा कैंसिल भी तो किया जा सकता था। तोड़ फोड़ करने से क्या मिला। इससे तो अपना और अपने देश का ही नुकसान हुआ ना।
उस लड़के ने जवाब दिया। हम बिहार वाले हैं। सही गलत नहीं जानते हैं। प्लान कर लिया तो कर लिया। आप ही बताओ गेट पर बैठकर और शौचालय में घुसकर आपने आज तक किसी को मेहनत मजदूरी के लिए दिल्ली—मुम्बई जाते देखा है। छठ में घर आने के लिए भी हमें दर दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। फिर भी हम लोग हार नहीं मानते हैं। यह तो कुंभ है वह भी महाकुंभ । 144 साल के बाद आया है। क्या पता फिर कब मौका मिले। इस लिए बिहारियों को जो सही लगा उसने किया।
हालांकि यह पुछे जाने पर कि क्या तुम भी ऐसा करोगे तो उसका कहना था नहीं, मैं ऐसा नहीं करूंगा लेकिन गलती एकतरफा नहीं है। रेलवे को भीड़ देखते हुए कुछ और अधिक गाड़ियों की व्यवस्था करनी चाहिए थी। एक्सट्रा ट्रेन चलाने में दिक्कत क्या है। टिकट लेकर लोग जा रहे हैं और रेलवे को घाटा होने के बदले मुनाफा हो रहा है।