मधेपुरा से निकला भारत का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन, पटरियों पर हवा से बाते करने लगा इंजन

Patna: देश का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन मधेपुरा रेल कारखाने से निकला, जिसे फ्रांस की एल्सटॉम कंपनी ने मेक इन इंडिया के तहत बनाया है. मधेपुरा में निर्मित 12000 हॉर्स पावर का 6000 टन तक कि मालगाड़ियों को खींचने में सक्षम है. नवंबर से ही इससे पहले आरसडीओ लखनऊ द्वारा सहारनपुर, कोटा एवं एवं अन्य रूटों में हाई स्पीड रेल इंजन का ट्रायल एवं टेस्टिंग किया. करीब दो महीनों तक विशेषज्ञों की देख रेख में ट्रॉयल एवं टेस्टिंग के बाद मुख्य संरक्षा आयुक्त एवं रेलवे बोर्ड ने रेल इंजन को चलाने की मंजूरी दे दी है.

तो वहीं बुधवार से मालगाड़ियों को खींचने के लिए शक्तिशाली रेल इंजन का परिचालन शुरू हो चुका है. मधेपुरा रेल कारखाने से बुधवार को दूसरा रेल इंजन निकला जिसका प्रयोग मालगाड़ियों को खींचने में किया जाएगा. मधेपुरा से एक साथ 6 इंजन पहली बार निकला.

नए शक्तिशाली इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को भारतीय रेलवे द्वारा माल की आवाजाही के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने जा रहा है. लोकोमोटिव रेल इंजन में 100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से 6000T गाड़ियों को चलाने की क्षमता होगी. लोकोमोटिव का उपयोग माल, विशेष रूप से कोयले और लौह अयस्क के तेजी से आवागमन के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) में किया जाएगा. लोकोमोटिव को भारतीय रेलवे के डीएफसी में कोयला गाड़ियों की आवाजाही के लिए एक गेम-चेंजर माना जाता है. यह परियोजना भारी मालवाहक गाड़ियों की तेज और सुरक्षित आवाजाही की अनुमति देगी. नया लोकोमोटिव न केवल रेलवे के लिए परिचालन लागत में कमी लाएगा, बल्कि सामना की जाने वाली भीड़ को भी कम करेगा.

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