भारत-नेपाल के बीच बनेगा 4 लेन रोड, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी,सुपौल, अररिया, किशनगंज को फायदा

बिहार का 552 किमी इंडो नेपाल बॉर्डर रोड को 4 लेन बनाने का आग्रह, 7 जिलों को आवाजाही में राहत : आज माननीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी से मिलकर बिहार-नेपाल सीमा पर बन रही 522 किमी लंबी 2 लेन सड़क के निर्माण कार्य की प्रगति से अवगत कराया तथा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनसे इस सड़क को 2 लेन से 4 लेन तक विस्तार करने का आग्रह किया।

राज्य सरकार ने केंद्र से 552 किलोमीटर लंबी इंडो नेपाल बॉर्डर रोड को 4 लेन बनाने का आग्रह किया है। वर्तमान में टू लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। बिहार में यह सड़क पश्चिम चंपारण के मदनपुर, पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सीतामढ़ी के बैरगनिया, मधुबनी जिले के जयनगर, सोनवर्षा होते हुए, सुपौल के बीरपुर, अररिया से शुरू होकर किशनगंज के गलगलिया तक जाएगी। शुक्रवार को सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे सड़क की चौड़ाई 2 लेन (7 मीटर) से बढ़ाकर 4 लेन (14 मीटर) करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए औसतन 30 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया है।

वैसे, 393 किमी लंबाई में मिट्टी का काम और 184 किमी में बिटुमिनस का काम पूरा हो चुका है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से भूमि अधिग्रहण पर 2278 करोड़ खर्च कर रही है, 121 पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क परियोजना के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने पहले 1656 करोड़ की मंजूरी दी थी, जिसे बढ़ाकर 2428 करोड़ कर दिया गया है। अब तक केंद्र ने 991 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं और इस साल 200 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है।

नितिन ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे 200 करोड़ की राशि बढ़ाकर 582 करोड़ करने का अनुरोध किया। नितिन ने कहा कि उन्होंने भारत-नेपाल सड़क को 4-लेन चौड़ा करने और उसी निर्माण सामग्री के लिए 582 करोड़ देने के अनुरोध पर सकारात्मक दृष्टिकोण का आश्वासन दिया है। नेपाल सीमा सड़क का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। इस सड़क के माध्यम से यातायात शुरू होने से सात जिलों के लोगों को सीधे लाभ होगा। वहीं, बिहार का नेपाल समेत अन्य पड़ोसी राज्यों से सीधा सड़क संपर्क होगा।

इस सड़क की कुल लंबाई 729 किमी है। इसमें से 177 किमी पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग-104 का हिस्सा है। शेष 552 किमी निर्माणाधीन था, जिसमें से लगभग 178 किमी में निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं, 374 किमी लंबाई में इस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है।
इस पूरी सड़क को बनाने के लिए करीब 30 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

नरपतगंज से भरगामा जाने के लिए लोगों को करीब 50 किमी की दूरी तय कर फोर्ब्सगंज होते हुए भरगामा जाना पड़ा। अब इस सड़क के बनने से यह दूरी लगभग खत्म हो जाएगी। वहीं करीब चार लाख की आबादी इस सड़क से सीधे आवाजाही कर सकेगी।

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