पनटोका बॉर्डर पर नेपाल ने बनायी सीमा चौकी और वाच टॉवर, सौ मीटर दूरी तक है भारतीय भूमि

PATNA : भारत-नेपाल के रक्सौल स्थित पनटोका बॉर्डर पर सरिसवा नदी के उस पार नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स ने सीमा चौकी व वाच टावर स्थापित कर ली है। एसएसबी 47वीं बटालियन ने जांच पड़ताल शुरू करते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। एसएसबी की टीम ने भूमि की पैमाइश भी शुरू की है।

पिलर संख्या 393/13 से 393/ 318 तक के बीच के चार सहायक पिलर के गायब होने की सूचना है। इसी मिसिंग पिलर के बीच नेपाल ने भारतीय भूमि को अतिक्रमण कर उस पर सीमा चौकी व वाच टॉवर कायम कर लिया है। वाच टॉवर से नेपाली जवान 24 घंटे भारतीय क्षेत्र पर नजर रख रहे हैं। इस क्षेत्र से ही पनटोका गांव होते नेपाल जाने आने का रास्ता है। सीमा पार नेपाल का अलउ सिरिसिया(छोटी भंसार) है। जिससे नेपाल आवागमन होता है, जो बॉर्डर सील होने के कारण बंद है। यहां मुख्य पिलर संख्या 393 है। जहां एसएसबी का चेक पोस्ट है।

सौ मीटर दूरी तक है भारतीय भूमि : रक्सौल प्रखंड के सीमावर्ती पनटोका पंचायत के पनटोका गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि जिस भूमि पर नेपाल ने पोस्ट व वाच टावर बनाया है, वह भारतीय भूमि है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरिसवा नदी के करीब 100 मीटर की दूरी तक भारतीय भूमि है। जिस पर नेपाल का कब्जा है। नदी के इस पार पनटोका में पिलर संख्या 319/13 के पास पनटोका का छठ घाट भी है। जबकि, नदी के उस पर छपकैया एरिया में छठ घाट पर ही आर्म्ड फोर्स ने अपना कैम्प बना लिया है। जबकि नदी के इस पार ग्रामीण बस्ती है। यहां विधायक डॉ अजय सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास कोष से एक चबूतरा बनवाया है।

कहते हैं ग्रामीण : पनटोका के ग्रामीण कांछा राउत, विजय राउत, ईशा महम्मद, चन्द्रमणि राम आदि का आरोप है कि जिस जमीन पर नेपाली फोर्स ने वाच टावर बनाया है। वह जमीन हमारी पुस्तैनी है। लेकिन नेपाली प्रशासन हमे खेती नहीं करने देता है। उनका दावा है कि जमीन के कागजात उनके पास हैं।

कहते हैं एसएसबी अधिकारी : एसएसबी 47वीं बटालियन कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा का कहना है कि मामले को लेकर मुख्यालय को सूचित कर दिया गया है। साथ ही जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। वहीं, रक्सौल एसडीओ आरती ने कहा कि यह मामला एसएसबी का है। इस मामले में एसएसबी ही आगे की कार्रवाई कर सकती है। प्रशासन इसमें कहीं नहीं है।

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