नीतीश के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं प्रशांत किशोर, सच हो सकता है पीएम बनने का सपना

PATNA-3 दिन पहले खबर आती है- सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की दो घंटे मुलाकात हुई है। प्रशांत किशोर का खंडन आता है, लेकिन शाम होते ही नीतीश मुलाकात का ऐलान कर देते हैं। फिर पीके को भी मानना पड़ता है। दोनों ने सामान्य मुलाकात बताई।

अब दोनों की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारे में अलग चर्चा छेड़ दी है। एक तरफ नीतीश धीरे-धीरे ही सही प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो रहे हैं, उधर पीके बिहार के गांव छान रहे हैं। एक सप्ताह पहले तक दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं। फिर मिलकर बात करते हैं। आखिर इससे फायदा किसे है? पीके अचानक नीतीश के लिए महत्वपूर्ण क्यों हो गए?

इन दोनों की नजदीकियों से CM नीतीश को फायदा हो सकता है, क्योंकि पीके वो शख्स हैं, जो नीतीश के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं। उनके पीएम बनने के सपने को पूरा करने में ब्रह्मास्त्र की तरह काम कर सकते हैं। PK के पास न सिर्फ डेटा एनालिसिस की ताकत है बल्कि दक्षिण से लेकर दिल्ली तक के नेताओं से उनके संबंध मधुर हैं। वह एक अच्छे चुनावी रणनीतिकार हैं। उनके पास एक बड़ी ट्रेंड टीम है।

यही वजह है कि पीके से दूरी बना लेने वाले नीतीश को अब उन्हीं में भविष्य दिख रहा है। प्रशांत किशोर के पास आखिर कौन-सी सियासी ताकत है, जिसकी वजह से नीतीश एक बार फिर से पीके के नजदीक आ रहे हैं।

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