राम मंदिर सुनवाई के दौरान पुरे UP में आज बंद रहेगी इंटरनेट, जस्टिस गोगोई ने किया सुरक्षा पर मंथन

अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर पूर प्रदेश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ बैठकके बाद डीजीपी ओपी सिंह शुक्रवार को आगरा में संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर प्रदेश में फैसले के दिन इंटरनेट सेवा निलंबित की जा सकती है।

डीजीपी ने कहा कि 21 जिलों को संवेदनशील की सूची में रखा गया है। चप्पे-चप्पे पर पैरामिलिट्री फोर्स का पहरा रहेगा। किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। इस बीच, अयोध्या में प्रशासन ने 500 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि 12000 लोगों पर नजर रखी जा रही है।

अलीगढ़ में 24 घंटे की रोक लगी : अलीगढ़ में शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे इंटरनेट सेवा बंद रखने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं। वहीं, प्रदेश भर में 25 हजार से अधिक लोगों को शांतिभंग की आशंका में मुचलका पाबंद किया गया है।

अलीगढ़ में 24 घंटे की रोक लगी : अलीगढ़ में शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे इंटरनेट सेवा बंद रखने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं। वहीं, प्रदेश भर में 25 हजार से अधिक लोगों को शांतिभंग की आशंका में मुचलका पाबंद किया गया है।

जस्टिस गोगोई ने किया सुरक्षा पर मंथन : मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाए जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।

सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश के कक्ष में करीब एक घंटे यह बैठक चली। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए बंदोबस्त से मुख्य न्यायाधीश को अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के बारे में केंद्र सरकार के साथ पूरा समन्यव है। मुख्य न्यायाधीश के साथ हुई इस बैठक के बारे में और ज्यादा जानकारी उपलबध नहीं हो सकी।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- निर्मोही अखाड़ा, रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बराबर-बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर सभी पक्षों की दलीलें सुनी। संविधान पीठ ने 16 अक्तूबर को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा।

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