इस मंदिर में मरे हुए लोग हो जाते है ज़िंदा ये मंदिर उत्तराखंड में है देखे क्या है रहस्य

दोस्तों वैसे तो हर मंदिर की अपनी ही कोई न कोई खासियत होती ही है और कोई कहानी भी पर क्या अपने कभी ये सुना है की एक ऐसा मंदिर भी हो सकता है जहाँ कोई मारा हुआ इंसान भी ज़िंदा हो जाता है और वह का जल पिलाने से किसी की जान भी बच जाती है आपको बता दे की लोगो का मानना है किस इस मंदिर के बारे में ये साडी बाते बिलकुल सच है।


यहाँ तक की यही वो जगह है जहाँ दुर्योधन ने पांडवो को मारने के लिए लाक्षागृह बनाया गया था और जिस गुफा से पांडव भागे थे वो गुफा आज भी यहाँ पर मौजूद है। आपको बता दे की उत्तराखंड के देहरादून जिले के जौनसार के एक छेत्र में चमत्कारी और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल लाखा मंडल मंदिर मौजूद है ये एक प्राचीन मंदिर है जिसका हिन्दू धरम में बहुत महत्व है यही कारण है की यहाँ पर हर साल बहुत से श्रद्धालु पहुंचते है लकह मंदिर इस छेत्र में रहने वाले को लोगो के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है भगवन शिव और माता पारवती को समर्पित ये धार्मिक स्थल समुद्र ताल से लगभग 1372 की उचाई पर है। लाख मंडल मंदिर को लेकर स्थानी लोगो का मानना है की यही वो जगह है जहाँ पर दुर्योधन ने पांडवो को मरने के लिए लाक्षागृह का निर्माण करवाया था हलाकि पांडव इस खतरे को जान कर इस गुफा से भाग निकले थे ये गुफा लाख मंडल मनीर से लगभग दो किलोमीटर बाद ख़तम होती है कहा जाता है की अपने अज्ञात वास के दौरान पांडव यहाँ आये थे इस दौरान युधिष्ठिर ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था जो अभी भी वही पर है इस शिवलिंग को महा माण्डेश्वर के नाम से भी जाना जाता है मान्यता है की पांडवो ने यहाँ पर सवालाख शिवलिंगो का निर्माण किया था खास बात ये है की वह आज भी खुदाई में शिवलिंग प्राप्त होते रहते है। ये शिवलिंग अलग अलग रंगो के प्राप्त होते रहते है युधिष्ठिर ने जहाँ [पर शिवलिंग की स्थापना करी थी वह पर आज एक सूंदर मंदिर बना हुआ है शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुँह करके खकडे हुए दिखाई देते है जबकि दो द्वारपाल मंदिर के पीछे खड़े हुए है इनमे से एक द्वारपाल का हाथ कटा हुआ है हलाकि ऐसा क्यों है ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इस मंदिर की मान्यता है की शिवलिंग के सामने खड़े द्वारपाल के सामने अगर किसी मृत्य व्यक्ति को लेटा कर वह का जल डाल दिया जाये तो वो दो मिनट के लिए जीवित हो बैठता है जीवित होने के बाद वो इंसान भगवन का नाम लेता है और उसे गंगा जल प्रदान किया जाता है गंगा जल प्रदान करते ही उसकी आत्मा शरीर छोड़ देती है। एक और अन्य मान्यता है की लाखामंडल मंदिर से कुछ ही दुरी स्थित एक शिवलिंग है जब कभी उस शिवलिंग पर पानी डाला जाता है तो वो शिवलिंग कुछ अलग ही तरीके से चमकने लगता है और इस दौरान अगर श्रद्धालु को अपनी उस शिवलिंग पर छवि नज़र ए तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस मनीर की सबसे खास बात ये है की यहाँ पर मांगी गयी सभी मुरदे पूरी होती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *