ISRO के चंद्रयान-2 को मिली बड़ी कामयाबी, चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में Water Ice ढूंढ निकाला

ISRO के चंद्रयान-2 ने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र जिसे चंद्रमा का Dark Side भी कहा जाता है पर Water Ice खोज लिया है. चंद्रायन-2 ने चंद्रमा के उस हिस्से में Water Ice खोजा है जो हमेशा अंधेरे में ही रहता है.

6 से 7 सितंबर के बीच ISRO के 2 दिन के ऑनलाइन लुनर साइंस (Online Lunar Science) वर्कशॉप में ये जानकारी दी गई.

चंद्रमा के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव हमेशा अंधेरे में रहते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों पर सूरज की थोड़ी सी भी रौशनी नहीं पड़ती. चंद्रमा के सतह का ये सबसे ठंडा इलाका है. ISRO चीफ़, के.सिवन ने बताया कि चंद्रायान-2 में Dual Frequency Synthetic Aperture Radar (DFSAR) लगा हुआ है. इस रडार की सहायता से किसी भी मटैरियल की इलेक्ट्रिकल प्रोपर्टीज़ की गणना की जाती है. ये रडार चंद्रमा के सतह और बर्फ़ीले सतह में फ़र्क कर सकता है.

DFSAR टीम के सदस्य, अनुप दास ने बताया कि इस खोज से चंद्रमा पर बीते समय में क्या घटा है, इससे जुड़ी अहम जानकारियां मिल सकती है. चंद्रयान-2 द्वारा भेजे गए डेटा और फ़ोटोज़ पर स्टडी की जाएगी.

चंद्रमा कक्षा (Lunar Orbit) में इस रडार समेत 8 Payloads भेजे गए थे. ये अन्य Payloads हैं- Terrain Mapping Camera, Orbiter High-Resolution Camera, a Large Area Soft X-ray Spectrometer, Solar X-Ray Monitor, Imaging Infrared Spectrometer, Atmospheric Composition Explorer और Dual-Frequency Radio Science Experiment.

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