CM नीतीश का जल नल योजना हुआ फेल, आदमी तो दूर जानवरों के लिए हानीकारक है यह पान, बीमार हो रहे लोग

PATNA : बिहार में शिवहर का पानी सबसे साफ, सुपौल का सबसे ज्यादा दूषित : पटना में 10 फीसदी जलस्रोतों का पानी पीने लायक नहीं है। जिले के 23 ब्लॉक में स्थित 1596 जलस्रोत ऐसे हैं, जहां का पानी इंसान ही नहीं, जानवर और पेड़-पौधे के लिए भी खतरनाक है। इनका पानी पीने से हम त्वचा रोग, अल्सर, पीलिया, आंखों की रोशनी पर असर के साथ कैंसर जैसी घातक बीमारी के शिकार हो सकते हैं। केंद्र सरकार की जांच में यह तथ्य सामने आया है। जांच नतीजे बताते हैं कि जिले में सबसे शुद्ध पानी अथमलगोला का है। जबकि, सबसे दूषित बख्तियारपुर का है। अथमलगोला में 604 जलस्रोत की जांच करने पर केवल फुलेलपुर औऱ उस्मानपुर गुंजपारी में पेयजल दूषित पाया गया। वहीं, बख्तियारपुर में 738 पेयजल स्रोतों में 161 में केमिकल मिला। यहां सबसे अधिक गंदा पानी डोमा पंचायत में मिला। पटना में 37885 जलस्रोतों को चिह्रित करके 15173 जगहों पर पानी की जांच की गई। इनमें 1596 पानी के स्रोत दूषित हैं।

प्रदेश में 18% जलस्रोत का पानी बीमारी कारक
{ शिवहर में 2623 जगहों पर टेस्ट किया गया, केवल तीन जगहों पर दूषित मिला, यानी सिर्फ 0.11 फीसदी। { सुपौल में पीने का पानी सबसे गंदा है। यहां 16931 स्रोतों की जांच की गई है। इनमें 10360 जगहों पर पानी गंदा। { बिहार में 785114 पेयजल स्रोतों को चिह्रित किया गया, इनमें 3,88, 605 जलस्रोतों की जांच कराई गई है, 71771 के पानी बीमारी देने वाला।

राज्य के सभी जिलों में शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक पानी की जांच की गई। केंद्र सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग के तहत बिहार में हुई जांच में 71771 जलस्रोत दूषित पाए गए। इनमें 70129 जलस्रोतों में खतरनाक केमिकल मिला है। जबकि, 1642 में हानिकारक बैक्टीरिया पाया गया।

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