अम्बानी का ऐसा ही जलवा कायम रहा तो जल्द इस देश का नाम भारत से बदलकर ‘रिपब्लिक ऑफ रिलायंस’ होगा

अम्बानी का ऐसा ही जलवा कायम रहा तो बहुत जल्द इस देश का नाम भारत ( इंडिया ) से बदलकर ‘रिपब्लिक ऑफ रिलायंस’ हो जाएगा …फिर ‘आईडिया ऑफ इंडिया’ नही बल्कि ‘आइडिया ऑफ रिलायंस’ की बात लोग करने लगेंगे

मित्र विजेंदर जी ने आज सुबह की पोस्ट पर कमेन्ट किया है जिससे मै पूर्ण रूप से सहमत हूँ ……वो लिखते हैं… ‘मनमोहन के वक्त मुकेश अम्बानी ने कहा था- सरकार हमारी जेब मे है । तब भाजपा ने मनमोहन सरकार की खिल्ली उड़ाई थी और कोंग्रेस चुप रही …. असल में मुकेश का सरकार से मतलब प्रत्येक सरकार से था न कि मनमोहन सरकार से । कल मनमोहन मुकेश की जेब में थे आज मोदी जेब में है । असल में ये निकलते ही जेब से है और जेब में आ जाते है । जेब से जुदा नहीं हो सकते ।

इसी बात से मुझे गोपाल कृष्ण गांधी की एक बात याद आयी जो उन्होंने कुछ साल पहले सीबीआई की स्वर्ण जयंती के अवसर पर डीपी कोहली व्याख्यान में कही थी ………’रिलायंस एक समानांतर राज्यसत्ता ही है। मैं ऐसे किसी देश के बारे में नहीं जानता जहां कोई इकलौती फर्म इतने नग्न रूप में प्राकृतिक, वित्तीय, पेशेवर और मानव संसाधनों पर अपना नियंत्रण रखती है जितना कि अंबानियों की कंपनी यहां करती है’

लेखक : गिरीश मालवीय

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