अभी—अभी : राजकीय सम्मान के साथ शुरू हुआ अंतिम संस्कार, चिराग पासवान देंगे मुखाग्नि

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर दीघा घाट के जनार्दन घाट पर ले जाया जा रहा है. अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हो रहे हैं. कुछ देर के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सीएम नीतीश कुमार, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हो रहे हैं. गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी कुमार चौबे, मंगल पांडेय, तेजस्वी यादव, रामकृपाल यादव समेत कई नेता घाट पर पहुंचे हैं. इसके साथ-साथ कई दलों के कार्यकर्ता भी पहुंचे हुए हैं. आम लोग भी गंगा घाट पर पहुंचे हुए हैं. सब रामविलास पासवान के अंतिम यात्रा में शामिल होना चाह रहे हैं. कुछ देर के बाद कई और नेता भी पहुंचेंगे. रामविलास पासवान का राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.

रामविलास पासवान के पटना के श्री कृष्णा पुरी स्थित उनके आवास से पार्थिव शरीर को लेकर जनार्दन घाट के लेकर जाया जा रहा है. इस अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल है. जिस ट्रक पर पार्थिव शरीर रखा गया है कि उसके पीछे सैकड़ों गाड़ियों का काफिला है. सभी रामविलास अमर रहे के नारा लगे रहा है. उनका अंतिम संस्कार दीघा स्थित जनार्दन घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बिहार के कई जिलों से एलजेपी के कार्यकर्ता और नेता भी पटना पहुंचे हुए हैं.

अंतिम यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. इधर, उनके पटना स्थित आवास पर लगातार समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है. कुछ समर्थकों ने सांसद में उनकी आदम कद की प्रतिमा लगाए जाने की मांग भी उठायी है.राम विलास पासवान के नाम छः प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड है. वे वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और वर्त्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी मंत्रिमंडल में रहकर काम कर चुके हैं.

लगातार राम विलास के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने लोगों की हुजूम जमा हो रही है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि 2 बजे तक उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.केरल से भी पहुंचे नेता और समर्थक. इस दौरान उन्होंने राम विलास पासवान के पार्थिव शरीर को दी श्रद्धांजलि और कहा कि वे बहुत बड़े नेता थे. उन्होंने उनसे जुड़ी कुछ यादों को भी साझा किया.

जीतन राम मांझी उनके पटना स्थित आवास पर पहुंचे श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि उनके किए गए कामों को पीढ़ी याद करेगी. उससे हमारा मार्गदर्शन भी होगा. रेलवे मंत्री बनने के बाद जब वे कुलियों के प्रति अपना सेवा भाव दिखाया, उस दिन से ही हम इनके कायल हो गए थे.

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