द्वापर युग जैसा बना रहा सुंदर संयोग, राशिफल के अनुसार आज करें कन्हैया की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल

जयंती योग में जन्माष्टमी आज, घर-घर विराजेंगे कान्हा : भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व जन्माष्टमी सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र अाैर सोमवार तीनों का एक साथ मिलना अत्यंत दुर्लभ अाैर पुण्यकारक है। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि जन्माष्टमी वृष राशि के चंद्रमा की साक्षी में सर्व पापों को हरने वाली जयंती योग, कौकिल करण, वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र के साथ अतिपुण्यकारी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी। गौतमी तंत्र नामक ग्रन्थ व पद्मपुराण के अनुसार कृष्णाष्टमी का पर्व सोमवार या बुधवार को पड़ने से यह दिवस जयंती योग माना जाता है।

ये करें अर्पित : पूरी होगी मनोकामना
धन अाैर वंश वृद्धि के लिए : पीत पुष्प में इत्र लगाकर अर्पण करें।
वैवाहिक व न्यायिक कार्य में सफलता के लिए : हल्दी अाैर केसर चढ़ाएं।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से मुक्ति के लिए : गुड़ से निर्मित खीर व हलवा का भोग लगाएं।
सौंदर्य व निरोग काया के लिए : माखन एवं दूध से बनी वस्तु का भोग लगाएं।

शुभ मुहूर्त : रात 12:44 तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:25 से 12:15 बजे तक
जन्माष्टमी निशिता पूजा का समय : मध्य रात्रि 11:59 से 12: 44 बजे
निशिता पूजा शुभ मुहूर्त की अवधि : 45 मिनट

राशि के अनुसार कान्हा को भोग अाैर मंत्र पाठ
मेष : माखन मिश्री का भोग लगाकर ॐ कमलनाथाय
वृष : माखन का भोग लगाकर श्रीकृष्णाष्टक का पाठ
मिथुन : दही अर्पण कर ॐ गोविंदाय नम: का जाप
कर्क : केसर मिश्रित दूध का भोग व राधाष्टक का पाठ
सिंह : माखन-मिश्री चढ़ाने के बाद ॐ कोटि सूर्य संप्रयाय नम:
कन्या : मावा का भोग अाैर ॐ देवकीनंदनाय नम:
तुला : घी से निर्मित भोग के बाद ॐ लीलाधराय नम:
वृश्चिक : माखन या दही अर्पित कर ॐ बराहाय नम:
धनु : पीला मिष्ठान का भोग अाैर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
मकर : मिश्री के भोग के बाद ॐ नमो कृष्ण वल्लभाय नम:
कुंभ : बालूशाही के भोग के बाद ॐ नमो कृष्ण वल्लभाय नम:
मीन : केसर व बर्फी अर्पित कर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

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