पटना में 15 लाख की जापानी मशीन से डेढ़ करोड़ महीना कमाते थे शातिर

Patna:गांधी मैदान थाना क्षेत्र में केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना पर पुलिस फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के ठिकाने तक तो पहुंच गई, लेकिन वो जापानी मशीन नहीं बरामद कर सकी, जिससे इंटरनेट कॉल्स को वीओआइपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) में कन्वर्ट करने का काम किया जाता है. छापेमारी के दौरान गिरफ्तार राजीव बनिक और अदनान सामी ने पुलिस को बताया था कि इस मशीन का इस्तेमाल गाजियाबाद के रीतेश, देहरादून के अनुराग गुप्ता और दिल्ली के विकास करते हैं. पुलिस को उनके नाम तो मिल गए पर वह ठिकाना नहीं मिला, जहां सर्वर लगा है. जालसाज उस जापानी मशीन को सर्वर भी कहते हैं.

छानबीन में मालूम हुआ कि इस जापानी मशीन की कीमत भारतीय मुद्रा में 15 लाख रुपये है. उससे 198 स्लॉट का सिम बॉक्स जोड़ा जाता है. इस मशीन से एक महीने में एक लाख 47 हजार 312 इंटरनेट कॉल्स को दूसरे गेट-वे पर बाईपास किया जा सकता है. जालसाज जापान से इस मशीन को सेलुलर कंपनी के नाम पर मंगवाते हैं. यह मशीन दूसरे देशों में भी बनाई जाती है, लेकिन जापान से मंगवाने का फायदा यह है कि उसमें एनीडेस्क सॉफ्टवेयर लोड कर मिलता है. एक महीने में अगर इतनी कॉल्स को कन्वर्ट की जाए तो जालसाज लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की कमाई कर लेते हैं. राजीव के मुताबिक, अमूमन एक महीने में देशभर में तीन हजार से अधिक इंटरनेट कॉल्स उसके आकाओं के सर्वर से गुजरती हैं.

बताते चलें कि राजधानी पुलिस ने गांधी मैदान थाना क्षेत्र के सालिमपुर अहरा गली नंबर दो में गुरुवार की रात फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था. मौके से पश्चिम बंगाल निवासी राजीव बनिक और बोकारो निवासी अदनान शामी को गिरफ्तार किया गया. गिरोह का सरगना अनुराग गुप्ता के देहरादून में छिपे होने की बात सामने आई थी. उसने पश्चिम बंगाल में भी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोल रखा था. बंगाल पुलिस ने कार्रवाई की थी, जिसके बाद पटना पुलिस को गांधी मैदान में एक्सचेंज होने की जानकारी मिली थी.

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