जदयू के तेवर नरम, आरसीपी ने कहा- नया कानून बन गया तो स्वीकार कीजिए और आगे बढिए

PATNA:धारा 370 का खात्मा और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से मंजूरी के बाद जदयू के भी तेवर नरम पड़ गए हैं। बुधवार को जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि धारा 370 जदयू के लिए विवादित मुद्दा है। हमने इसका पुरजोर विरोध किया। संसद में अपनी बात रखी लेकिन अब तो संसद ने ही इसे समाप्त करने को मंजूरी दे दी। जब नया कानून बन गया तो वह पूरे देश का कानून हो गया। इसे स्वीकार कीजिए और आगे बढ़िए।

आरसीपी ने कहा कि लोकतंत्र में बोलने की स्वतंत्रता है। यही लोकतंत्र की खुबसूरती है। जब हमें बोलना था तो हमने जम कर पूरी मजबूती के साथ अपनी बात रखी। हर कानून का सकारात्मक पक्ष भी होता और नकारात्मक पक्ष भी। लेकिन जब कोई विधेयक संसद से पास हो जाता है तो वह देश का कानून बन जाता है। कानून का सबको पालन करना चाहिए। जदयू धारा 370 को हटाने के पक्ष में नहीं था। हमारी पार्टी ने राज्यसभा में भी अपनी बात रखी और लोकसभा में भी। जब एनडीए में हम शामिल हुए थे, तभी जार्ज फर्नांडीज ने अटल जी के सामने यह स्पष्ट कर दिया था कि जदयू धारा 370, समान नागरिक संहिता, धारा 35-ए और राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा से अलग राय रखता है।

भाजपा के पास बहुमत, न्यूनतम साझा कार्यक्रम की जरूरत नहीं
आरसीपी ने कहा कि आज न्यूनतम साझा कार्यक्रम बात कहां है? अटल जी की सरकार में अनेक पार्टियां शामिल थीं। भाजपा को बहुमत नहीं था। आज हालात एकदम अलग हैं। आज तो भाजपा के पास अकेले ही 303 सांसद हैं। फिर न्यूनतम साझा कार्यक्रम की जरूरत कहां है? बिहार में हम भाजपा के साथ सरकार चला रहे हैं। क्या कोई न्यूनतम साझा कार्यक्रम है? हम सात निश्चय कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं। यह तो बिहार के हर राजनीति दल के साथ सरकार का हिस्सा रहा है। भाजपा भी इसके लिए काम कर रही है। असली बात यह है कि हमारा एजेंडा क्या है? हमारा एजेंडा है समाज और राष्ट्र का विकास करना। इसके लिए सबको प्रसाय करना चाहिए।

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