बिहार में बदला रजिस्ट्री कानून, जिनके नाम जमाबंदी, वही बेच सकेंगे जमीन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिसके नाम पर जमाबंदी होगी वही जमीन बेचसकेंगे। विक्रेता के नाम पर जमाबंदी नहीं होगी तो उस जमीन की रजिस्ट्री ही नहीं होगी। यह नियम जल्द ही लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री गुरुवार विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर डर वाद-विवादके बाद अपनी बात रख रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद केकारण हत्या की घटनाएं राज्य में बढ़ी हैं।भूमि विवाद रोकने के लिए उक्त कदमउठाए जा रहे हैं। जमीन की कीमत बढ़ी है।अपराधियों द्वारा कम कीमत पर जमीनजबरन लेने के मामलों में भी हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक बंटवारे मेंहोने वाली रजिस्ट्री खर्च को मात्र रुपये कर दिया गया है। पहले इसमें जमीनकी कीमत का आठ प्रतिशत खर्च होता था।

सीएम ने कहा कि जनता की सेवा करना ही मेरा धर्म है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरा क्या-क्या नामकरण हुआ। पर, जनता का भरोसा किस पर है, यह सबने देख लिया है। मौके पर गृह विभाग का वित्तीय वर्ष 2019-20 का 10 हजार 968 करोड़ का बजट विधानसभा में पारित हुआ। इस दौरान आरएसएस पदाधिकारियों को लेकर विशेष शाखा द्वारा लिखी गई चिट्ठी का मामला भी विपक्ष ने उठाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद को मामलों के निबटारे के लिए राज्य सरकार का निर्देश है कि सभी अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष सप्ताह में एक बार बैठक करेंगे। इस व्यवस्था की निगरानी जिलाधिकारी और अनुमंडलाधिकारी करते हैं। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि अगर ये बैठकें नहीं हो रही हैं तो आपलोग सीधे मुझे फोन करें। इस मामले में लापरवाही और कोताही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भूमि विवाद खत्म करने को लेकर ही राज्य सरकार नये सिरे से सर्वे और सेंटलमेंट का कार्य कर रही है।

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