जिसका डर था वही हुआ, सरकार की लापरवाही और किट के अभाव में से 50 से अधिक डाक्टर को हुआ को’रोना

वही हुआ है जिसकी आशंका पहले दिन से लगातार जता रहा हूँ ।देशभर में कल तक 50 से अधिक डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोनावायरस से संक्रमित होने की सूचना है हालात इतने खराब हो गए हैं कि दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल के डॉक्टर और उनकी गर्भवती पत्नी को कोरोना संक्रमण हो गया है पत्नी की आज डिलीवरी कराई गयी जच्चा बच्चा अभी ठीक बताए जा रहे है उनके अलावा AIIMS के ओर डॉक्टर भी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

अभी शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि किसी भी डॉक्टर, नर्स को बिना PPE के कोरोना मरीजों का इलाज करना पड़े। कल हमने केंद्र सरकार को लिखा भी था, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक हमें एक भी PPE नहीं मिली है। हम फिर से केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि हमें PPE किट्स तुरंत दी जाएं ताकि हमारे डॉक्टर मरीजों का बिना किसी डर के इलाज कर सकें।’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि अब तक राजधानी में 386 मामले सामने आए हैं। हमारे पास 7 से 8 हजार पीपीई किट बचे हुए हैं, जो 2 से 3 दिन का स्टॉक है।
ठीक यही हालत इंदौर जैसे शहर की है यहाँ भी स्वास्थ्य विभाग के पास 700 किट का स्टॉक शेष बचा है। इंदौर में प्रतिदिन औसतन 150 पीपीई किट का उपयोग वर्तमान में हो रहा है।

दो दिन पहले की खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री से कोरोना से बचाव के लिए भारी संख्या में किट और अन्य उपकरणों की मांग की है उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ‘हमने पांच लाख व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) की मांग की थी लेकिन हमें केवल 4,000 ही मिले। हमने 10 लाख एन95 मास्क मांगे थे लेकिन सिर्फ 10,000 ही मिले। इसके अलावा हमने 10 लाख पीआई मास्क मांगे थे मगर केवल एक लाख ही मुहैया कराए गए। हमें 10,000 आरएनए किट की जगह 250 ही उपलब्ध हुए हैं।’

यही हाल बाकी राज्यों के भी होंगे ये आसानी से समझा जा सकता है। अब बड़े पैमाने पर एम्स जैसे हॉस्पिटलों के हेल्थकेयर वर्कर्स का इस वायरस की चपेट में आना शुरू हो गया है। इसकी वजह यह है कि इनके पास प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स ओर सैनिटाइज़र्स नहीं हैं।

सरकार की निष्क्रियता देख देश भर के हस्पताल अपने अपने स्तर पर पब्लिक से मदद की अपील कर रहे हैं कि अब जनता ही उन्हें उन्हें PPE किट मुहैया कराए लेकिन जब आपूर्ति ही नही है तो उन्हें PPE किट पैसों से भी कहा से मिलेगी ?दरअसल आज प्रिवेंटिव वियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PWMAI) के अध्यक्ष संजीव ने बयान दिया है कि पीपीई की कमी की मुख्य वजह इसको लेकर सरकार की लेट प्रतिक्रिया है।

उन्होंने फरवरी में स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क किया था और सरकार से पीपीई किट को स्टॉक करने का आग्रह किया था। लेकिन तब स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि इस मामले में उन्हें केंद्र से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। संजीव ने कहा कि हमें 21 मार्च तक सरकार की तरफ से कोई मेल नहीं मिला। अगर सरकार ने 21 फरवरी तक मेल का जवाब या विनिर्देश प्रदान किये होते तो अबतक पीपीई किट की हम पर्याप्त व्यवस्था कर पाते।

संजीव जी बता रहे है लगभग 5 से 8 मार्च के बीच राज्य सरकारों, सेना के अस्पतालों, रेलवे अस्पतालों से टेंडर आना शुरू हुए है साफ है कि मोदी सरकार सो रही थी जबकि WHO लगातार सभी देशों को मेडिकल उपकरणों की कमी पर चेता रहा था कह रहा था कि कोरोना के खतरे को देखते हुए सुझाव देते हुए सभी देश पहले से ही तयारी पूरी कर लें।

एक भी स्वास्थ्य कर्मी यदि कोरोना के संक्रमण का शिकार हो रहा है तो इस लापरवाही की पूरी जिम्मेदारी केंद्र में बैठी मोदी सरकार की है और साथ ही साथ इस बिकी हुई मीडिया की भी है जो, इन सवालों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बजाए बहुत घटिया तरीके से देश मे दंगे फैलाने की साजिश रहा है।

-Girish Malviya

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