JNU के छात्रों पर पुलिस का ला-ठीचार्ज, जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ाकर पी’टा

जेएनयू परिसर में रविवार को हुई हिं/सा के विरोध में छात्र संघ और शिक्षक संगठनों ने गुरुवार को रैली निकाली। सभी छात्र और शिक्षकों ने मार्च निकाला। छात्र जब राष्ट्रपति भवन की ओर जा रहे थे, तब पुलिस ने इन्हें रोका। इस दौरान छात्रों पर ला/ठीचार्ज किया गया और उन्हें बसों में भरकर वापस भेजा। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग की। इसके अलावा वे जेएनयू कैम्पस में हिं/सा के जिम्मेदार लोगों को जल्द सजा देने और बढ़ी हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग की है।

इस बीच, जेएनयू प्रशासन ने 5 जनवरी को हुई हिं/सा के मद्देनजर सुरक्षा में खामी की जांच कराने का फैसला किया है।जगदीश कुमार ने कहाकि 5 सदस्यीय कमेटी सुरक्षा में कमियों की जांच करेगी।प्रदर्शन में छात्र घायल भी हुआ।

आदेश ऊपर से आएगा तो पुलिस क्या करेगी- केजरी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू हिं/सा पर कहा कि जब ऊपर से कानून-व्यवस्था न बनाने के आदेश मिलेंगे तो पुलिस क्या कर लेगी। अगर आदेश नहीं मानेगी तो सस्पेंड होगी। उन्होंने कहा कि अगर आदेश आएगा कि हिं/सा होने दो, हिं/सा करने वालों को निकल जाने दो तो पुलिस क्या कर लेगी।

‘जगदीश कुमार के पद पर रहते यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती’

जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल नेकहा,“जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन समेत विभिन्न सिविल सोसाइटी आज के प्रोटेस्ट मार्च में शामिल हुए। हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दफ्तर तक मार्च करेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य मंत्रालय को इस बात से अवगत कराना है कि मौजूदा वीसीजगदीश कुमार के रहते हुए यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती। हम उनके इस्तीफे की मांग करते हैं।”

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर लोगों से मार्च में शामिल होने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, “दिल्ली, भारत के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अब आपकी बारी है। आइए यूनिवर्सिटी परिसर में हिंसा के खिलाफ और सरकारी शिक्षा के बचाव में मार्च करें। अपने हाथ में पोस्टर लेकर आएं और सभी नागरिकों के लिएदिल में प्यार रखें।”

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