EXCLUSIVE : मोदी सरकार में सस्ती शिक्षा की मांग गुनाह नहीं देश द्रोह है

सस्ती शिक्षा की मांग अब इस मुल्क में इतनी खतरनाक मान ली गई है कि सर्दी में पुलिसिया ला’ठी से आपकी कमर गरमाई जा सकती है। इससे सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचेगा और भला सरकार ये कैसे होने दे सकती है?

जिस दौर में एक-एक सरकारी उपक्रम पूंजीपतियों को बेचबाच कर और आरबीआई के खजाने का मुंह ताक कर देश हांका जा रहा हो वहां ऐसी मांग बेतुकी ही तो है। आखिर छात्रों से पैसा वसूलकर ही तो राजकोष भरेगा। तभी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी अति महत्वपूर्ण योजनाएं संपन्न हो सकेंगी। जब सोशल मीडिया की अधिकांश जनता प्रदर्शनकारी छात्रों के पी’टे जाने पर खुश है तो ये मानने का कोई कारण नहीं कि सस्ती शिक्षा की मांग जायज़ है।

देश का नुकसान चाहनेवालों को लाठी नहीं गो’ली मार देनी चाहिए जो कि इनके ही मां-बाप से वसूले गए टैक्स से खरीदी गई हैं। टंटा ही खत्म हो, वैसे भी ट्विटर पर Left killing JNU हैशटैग दौड़ रहा है। आप जेएनयू को बचा लीजिए सरकार, चाहे उसके लिए टैंक दौड़ाने पड़ें। आखिर देश के सामने वो विश्वविद्यालय सबसे बड़ा खतरा है। मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं कि आखिरकार आप राष्ट्र की सबसे बड़ी समस्या को भांप सके। हमें भी आप ही के आने के बाद पता चला कि सस्ती शिक्षा की मांग कितनी राष्ट्रविरोधी बला है।

-Nitin Thakur

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