जेपी के बाद पहली बार रामविलास पासवान को मिलिट्री ऑनर; बेहोश होकर गिर पड़े चिराग

रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। पर, यादों में वे फिर से जी गए। शनिवार काे दीघा स्थित जनार्दन घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र चिराग पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते ही चिराग बेहोश हो गए, लेकिन आस-पास मौजूद लोगों ने उन्हें सहारा देकर अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाईं।

अंतिम संस्कार के दौरान चिराग की मां रीना मौजूद रहीं। नम आंखों से कभी पासवान के पार्थिव शरीर को देखती तो कभी पुत्र चिराग को। चिराग के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें ढाढ़स भी बंधातीं। परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे थे।

ठीक 4.30 बजे चिराग ने उन्हें मुखाग्नि दी। इसके साथ ही चिराग और उनकी मां की आंखों से आंसू की धारा बहने लगी। पार्थिव शरीर पर पहले परिजनों ने श्रद्धांजलि दी। फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।अपने नेता को अंतिम विदाई देने को जनार्दन घाट पर हजारों की भीड़ जमा थी। पूरे प्रदेश से लोग वहां इकट्ठा थे। भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेडिंग थी, लेकिन बैरिकेडिंग तोड़ दी और घाट के पास पहुंच गए।

रविवार को पूरे हाजीपुर और आसपास के ब्लाक में शोकसभा कर रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी जाएगी। हाजीपुर ले जाने की जिद नहीं हुई पूरी, राह देखते मायूस हुए समर्थक

रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर हाजीपुर में किए जाने की जिद करने वाले समर्थक मायूस हो गए। इसके लिए सबने धरने का भी मन बनाया था। लेकिन दुख की घड़ी में विरोध से दूर रहे। हाजीपुर की मिट्‌टी को रामविलास पासवान मां मानते थे और यही कारण है कि समर्थक ‘मां के आंचल’ तक पार्थिव शरीर ले जाने के लिए जिद कर रहे थे।

रामविलास पासवान के करीबी और पार्टी कायर्कर्ता सुधीर यादव का कहना है कि पार्थिव शरीर नहीं आने से हाजीपुर के लोग मायूस हो गए हैं। समर्थकों का कहना है कि हाजीपुर में पार्थिव शरीर नहीं आ पाया तो अब हम उस कमी को श्रद्धांजलि देकर पूरी करेंगे।

हाजीपुर के लोग कैसे भूल पाएंगे : हाजीपुर के कृष्ण मोहन पासवान और सुधीर यादव का कहना है कि हाजीपुर के हर गली मोहल्ले में रामविलास पासवान बसते हैं। यहां के लोग और यहां की मिट्‌टी उन्हें कभी नहीं भूल पाएगी। रामविलास पासवान इसी प्यार और यहां मिली सफलता के कारण हाजीपुर को मां मानते थे। कार्यकर्ता से लेकर समर्थक तक सभी चाहते थे कि उनके पार्थिव शरीर को दो मिनट के लिए ही सही, लेकिन हाजीपुर लाया जाए। दुकानदारों से लेकर क्षेत्र के लोग फूल-माला की भी व्यवस्था कर लिए थे और उन्हें विश्वास था कि पार्थिव शरीर हाजीपुर जरूर लाया जाएगा।

व्यापारी से लेकर कार्यकर्ताओं की रही भीड़ : हाजीपुर में कार्यकर्ताओं से लेकर व्यापारियों को भी रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार था। सुबह सूचना भी मिल गई थी कि हाजीपुर में अंतिम दर्शन के लिए शव को लाया जाएगा। दोपहर बाद जब लोगों को पता चला कि पटना के दीघा घाट पर ही उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है तो लोगों को निराशा हुई।

इसके बाद क्षेत्र के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने योजना बनाई कि रविवार को पूरे हाजीपुर और आसपास के ब्लाक में शोकसभा कर रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी जाएगी। शनिवार से ही इसके लिए तैयारी की जा रही है। हाजीपुर के सुधीर यादव का कहना है कि पोस्टर-फोटो और माला के लिए शनिवार से ही तैयारी की जा रही है।

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