अयोध्या फैसले पर रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज एके गांगुली ने उठाए सवाल, कहा- मैं परेशान हूं, धोखा हुआ है
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश जस्टिस अशोक गांगुली ने अयोध्या मामले में आए फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए सवाल उठाए हैं। शनिवार को गांगुली ने कहा कि अयोध्या मामले पर आए फैसले ने उनके भीतर संदेह पैदा कर दिया है और फैसले के बाद वह काफी परेशान हो गए थे। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों वाली संविधान पीठ ने फैसला राम मंदिर के हक में दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा कि 2.77 एकड़ भूमि पर ‘राम मंदिर’ बनेगा और सरकार को मुसलमानों के लिए वैकल्पिक रूप से पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
‘द टेलिग्राफ’ के मुताबिक 72 वर्षीय जस्टिस गांगुली ने कहा, “पीढ़ियों से अल्पसंख्यकों ने देखा कि वहां पर एक मस्जिद थी। जिसे ढहा गिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक इसके ऊपर एक मंदिर बनाया जाएगा। इस बात ने मेरे दिमाग में शंका पैदा कर दिया है। संविधान का विद्यार्थी होने के नाते इसे स्वीकार कर पाना मेरे लिए काफी कठिन है।”
जस्टिस गांगुली ने कोर्ट के फैसले पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि किसी जगह नमाज अदा की जाती है और प्रार्थना करने वालों के स्थान-विशेष पर मस्जिद होने की आस्था है, तो उसे चुनौती नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, “भले ही 1856-57 में नहीं, लेकिन निश्चित रूप से 1949 के बाद नमाजें अदा की गई हैं, इसका प्रमाण भी है।
जब हमारा संविधान अस्तित्व में आया, तब वहां नमाज अदा की जा रही थी। जिस स्थान पर नमाज अदा की जाती है, अगर उस स्थान को मस्जिद की मान्यता दी जाती है, तो अल्पसंख्यक समुदाय को अपने धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा का आधिकार है। यह संविधान द्वारा दिया गया मौलिक अधिकार है।
Justice Ganguly is a hypocrite. They are the one of those who in tyne name of secularism are the most unsecured personal.
Shame on him and unfortunate fact that he was on the position of judge which he is not worthy of.