बिहार की ‘साइकिल गर्ल’ ज्योति पर बनेगी फिल्म, विनोद कापड़ी ने पिता के साथ कांट्रेक्ट किया साइन

PATNA… मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसले की उड़ान होती है। किसी शायर की ये लाइनें 15 साल की ‘साइकिल गर्ल’ ज्योति पर फिट बैठती हैं। लॉकडाउन में बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर ज्योति हरियाणा के गुरुग्राम से 1200 किमी दूर अपनी मंजिल दरभंगा स्थित सिरहुल्ली गांव के लिए निकली। सपना बस एक था- पिता संग सुरक्षित घर पहुंचना। हौसले से ही उसने सात दिनों में दूरी नाप ली। दुनिया ज्योति के इसी हौसले के आगे नतमस्तक है। फिल्मकार विनोद कापड़ी ज्योति पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।

कापड़ी ने कहा, ‘फिलहाल मैं पैदल और साइकिल से जाने वाले मजदूरों पर शॉर्ट फिल्में बना रहा हूं, लेकिन ज्योति पर मैं एक पूरी फिल्म बनाने की तैयारी में हूं। इसके लिए मैंने उनके पिता से अनुबंध भी कर लिया है।’ कापड़ी ने कहा कि ज्योति लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं और ऐसे में उन पर फिल्म बनाया जाना जरूरी है। वह ज्योति और उनके पिता की कहानी को अलग तरह से पेश करना चाहेंगे, क्योंकि इसमें पिता और पुत्री का संघर्ष है। गाैरतलब है कि दैनिक भास्कर ने ज्याेति के साहस अाैर जज्बे काे दुनिया के सामने लाया।

ज्योति की खबर को राष्ट्रपति ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने भी ट्वीट किया। गुरुग्राम से जिस सेकेंड हैंड साइकिल पर ज्योति अपने पिता को लेकर निकली वह उसने 1000 रुपए में खरीदी थी। उसके पिता अपनी बेटी को श्रवण कुमार कहते हैं। पिता वहां ई-रिक्शा चलाते थे। एक एक्सीडेंट में उन्हें चोट लग गई थी। परिवार में मम्मी-पापा के अलावा 5 भाई-बहनें हैं। बड़ी बहन पिंकी की शादी हो चुकी है।

पूरा परिवार एक कमरे के इंदिरा आवास रहता है। ज्योति पर फिल्म ही बनाने की बात नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे उसे स्वास्थ्य मंत्रालय का ब्रांड अंबेस्डर बनाने की बात कह चुके हैं तो लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पढ़ाई व पूर्व सीएम राबड़ी देवी उसकी शादी का खर्च उठाने का एेलान कर चुकी हैं।

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