कोरोना से घर के किसी सदस्य ने गंवाई जान? 4 लाख की आर्थिक मदद के लिए यूं करें आवेदन

बिहार: कोरोना से घर के किसी सदस्य ने गंवाई जान? 4 लाख की आर्थिक मदद के लिए यूं करें आवेदन : कोरोनावायरस की चपेट में आने से बिहार में अब तक तकरीबन 5000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवार को राहत पहुंचाने के लिए पिछले सप्ताह ही मुआवजा देने की घोषणा की. मृतक के परिजन को एक मुश्त 4 लाख रुपए दिए जाएंगे. हालांकि अब उनके सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे क्या करें, उन्हें मुआवजा कैसे मिलेगा, यह जानकारी हम आपको देतें है…

मृतक के आश्रितों को मुआवजा कैसे मिलेगा इसकी परेशानी दूर करने के लिए बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से इसकी घोषणा की है, लेकिन बिहार में ज्यादा मृतकों के परिजनों को इसकी जानकारी नहीं है कि यह मुआवजा राशि कैसे मिलेगी?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है. फिलहाल पटना में ही कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से इसकी जानकारी ली जा सकती है. पटना में कोविड कंट्रोल रूम का नंबर 0612-2219090 है. इस पर कॉल करके जानकारी ले सकते हैं और वॉट्सऐप नंबर 9430244559 है. इस पर कॉल या मैसेज कर सकते हैं.

गांव में मुखिया और सरकारी कर्मचारी लोगों को जानकारी देंगे
अब जो ग्रामीण इलाके में रहते हैं उनकी जानकारी के लिए बता दें. ग्राम पंचायत के सभी मुखिया और पंचायत सचिव के साथ-साथ राजस्व कर्मचारियों को यह जानकारी दी गई है कि अपने क्षेत्र में कोरोना से होने वाली मौत के बाद उनके परिजन को सरकारी इस योजना के बारे में बताएं, ताकि 4 लाख का मुआवजा के लिए आवेदन कर सकें. मृतक के आश्रित को इसके लिए सबसे पहले मृतक की मौत कैसे हुई इसकी पूरी जानकारी देनी होगी.

अस्पताल से मिली सर्टिफिकेट में कोरोना होने की पुष्टि होनी चाहिए. अस्पताल में इलाज के दौरान आरटीपीसीआर रिपोर्ट पोजिटिव होनी चाहिए. घर में मौत होने के समय कोरोना के लक्षण की पुष्टि होना भी जरूरी है. अब अपने पंचायत के राजस्व कर्मचारी को आवेदन के साथ मृतक का आधार कार्ड, डेथ सर्टिफिकेट, स्थानीय पता के लिए डक्यूमेंट, फोटोग्राफ भी देना होगा. इसके साथ-साथ मृतक के पति, पत्नी या रिश्तेदार के लिए संबंध के बारे में जानकारी की पुष्टि के लिए कागजात चाहिए होंगे, जिसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, फोटो पहचान पत्र, या जमीन की कागजात शामिल होंगे.

इस पूरे आवेदन को आप अपने पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के राजस्व कर्मचारियों को सौंप दें और एक प्राप्ति रसीद भी लेकर अपने पास रखें. इसके बाद यह फॉर्म या आवेदन प्रखंड के अंचलाधिकारी के पास जाएगा. वहीं से कागजात की जांच के बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन कार्यलाय जाएगी, फिर आश्रितों को इस मुआवजा की राशि मिल पाएगी. लोगों के पास सही जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण इलाके में उनको सहायता राशि नहीं मिल पा रही है.

सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि शहर में तो लोगों को मुआवजा मिलना शुरू हो गया है, लेकिन ग्रामीण इलाके से अभी आवेदन नहीं आ रहे हैं. इसका एक सबसे बड़ा कारण ज्यादातर लोगों की मौत अपने जिला से दूसरे जिला के अस्तालों में हुई है और इसका डेटा बिहार सरकार के पास उपलब्ध नही है. इसके लिए सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को मृतकों का आकड़ा जिला सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करने को कहा है. उसके बाद ही मृतकों की मौत के कारण और दूसरी जानकारी उपल्ब्ध हो सकेगी. राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, अब तक बिहार में 5 हजार 163 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में 59 लोगों की मौत हुई है, जबकि निजी अस्पतालों के आंकडें अभी एकत्रित किए जा रहे हैं. आने वाले कुछ सप्ताह में ही मुआवजा मिल पाएगा.

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