रद्द हुआ मां कामाख्या मंदिर का प्रसिद्ध अंबुवासी मेला, दुनिया भर से आते हैं श्रद्धालू

पूरे देश में अभी लाकडाउन है। कोरोना के कारण स्कूल कालेज बंद है। इसी बीच असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित शक्ति पीठ मां कामाख्या मंदिर न्यास समिति ने बड़ा फैसला किया है। मंदिर प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि कोरोना के कारण इस वर्ष का अम्बूवासी मेला रद्द किया जाता है।

पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम में गुवाहाटी के पास स्थित कामाख्या देवी मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में सबसे प्रसिद्ध है। लेकिन इस अति प्राचीन मंदिर में देवी सती या मां दुर्गा की एक भी मूर्ति नहीं है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार इस जगह देवी सती की योनि गिरी थी, जो समय के साथ महान शक्ति-साधना का केंद्र बनी।

ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक पंडित आर के चौधरी विशेषज्ञ ने बताया कि कामाख्या मंदिर से जुड़े कुछ विशेष रहस्य हैं। प्रत्येक वर्ष 22 जून 26 जून तक यहां भव्य मेला का आयोजन होता आ रहा है। यह पर्व देवी सती का अनुष्ठान है। इसके तहत गर्भ गृह में पूजन-अर्चन तीन दिन तक प्रतिबंधित रहता है

kamakhya temple, ambuvachi mela, dailybihar.com, dailybiharlive, dailybihar.com, national news, india news, news in hindi, ।atest news in hindi, बिहार समाचार, bihar news, bihar news in hindi, bihar news hindi NEWS

ऐसी मान्यता है कि इस अवधि के मध्यस्थ देवी सती रजस्वला में रहती हैं। इस वजह से मंदिर का पट 22 जून से 24 जून तक बन्द रहता है और ब्रह्मपुत्र नदी का जल भी लाल हो जाता है। मंदिर का पट 25 जून को प्रातः 05:30 बजे खुल जाता है और श्रद्धालु सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक पूजा-अर्चना करते हैं। कामाख्या मां की पूजा से मन व आत्मा को परम शान्ति मिलती है तथा कन्या पूजन से चमत्कारिक अनुभव प्राप्त होता है। कामाख्या मन्दिर एवं पीठ का रहस्य है जो भी प्राणी यहां आकर दर्शन कर लेता है, उसके कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते है। साधना का कोई बन्धन हो तो वह खुल जाता है। किसी के शाप से शापित हो तो मां के यहां का जल पीने से वह शाप मुक्त हो जाता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *