MP : कमलनाथ सरकार फरमान- कम से कम एक पुरुष की कराओ नसबंदी, वरना गंवानी पड़ेगी नौकरी

NEW DELHI ; आज फरवरी 2020 में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पुरुष नसबंदी को लेकर कर्मचारियों को टारगेट दिया है और उस टारगेट को पूरा न कर पाने पर अनिवार्य सेवानिवृति और वेतन रोकने को लेकर सर्कुलर जारी किया गया है। कांग्रेस सरकार के इस फैसले ने कमलनाथ के दोस्त संजय गांधी के फैसले की याद दिला दी। जानकारों का मानना है कि नसबंदी की वजह से जनता के बीच काफी आक्रोश पनपा। और इस नाराजगी ने इंदिरा गांधी को 1977 में से बेदखल करने में बड़ी भूमिका निभाई।

कमलनाथ के दोस्त संजय गांधी ने भी लागू करवायी थी नसबंदी योजना, पर झेलना पड़ा था भारी विरोध : भारत में 25 जून 1975 को आपातकाल लगा था। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय ‘गांधी-नेहरू’ परिवार की विरासत खुद के हाथ में लेने और उसे आगे बढ़ाने के लिए जोर-शोर से लगे थे। संजय समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने वृक्षारोपण, दहेज उन्मूलन जैसे कई मुद्दों पर जोर दिया। अपने कई भाषणों में इसकी चर्चा भी की। लेकिन इसी समय दुनिया में भारत की तेजी से बढ़ती आबादी को अभिशाप की तरह देखा जा रहा था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी भारत पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए दबाव बना रहे थे।

इंदिरा गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए बड़ा फैसला लिया और पर्दे के पीछे से संजय गांधी ने इसे संचालित किया। इस फैसले का उन्हें भारी विरोध झेलना पड़ा। वह फैसला था पुरुषों की नसबंदी का। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संजय गांधी के इस अभियान के दौरान करीब 62 लाख लोगों की नसबंदी की गई थी। ये भी आरोप लगता है कि गलत ऑपरेशन की वजह से करीब दो हजार लोगों की मौत भी हो गई थी।

कमलनाथ सरकार का हेल्थ वर्कर्स को फरमान- कम से कम एक पुरुष की कराओ नसबंदी, वरना गंवानी पड़ेगी नौकरीकमलनाथ सरकार का हेल्थ वर्कर्स को फरमान- कम से कम एक पुरुष की कराओ नसबंदी, वरना गंवानी पड़ेगी नौकरीकमलनाथ सरकार का हेल्थ वर्कर्स को फरमान- कम से कम एक पुरुष की कराओ नसबंदी, वरना गंवानी पड़ेगी नौकरीकमलनाथ ने पूछा- कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक? इंदिरा गांधी ने तो 90,000 पाकिस्तानी जवानों का सरेंडर कराया था, उसकी बात क्यों नहीं करते?कमलनाथ ने पूछा- कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक? इंदिरा गांधी ने तो 90,000 पाकिस्तानी जवानों का सरेंडर कराया था, उसकी बात क्यों नहीं करते?कमलनाथ ने पूछा- कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक? इंदिरा गांधी ने तो 90,000 पाकिस्तानी जवानों का सरेंडर कराया था, उसकी बात क्यों नहीं करते?

संजय गांधी ने दिल्ली से इस अभियान की शुरुआत का फैसला लिया और वह भी मुस्लिम बहुल पुरानी दिल्ली से। इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय के बीच ऐसी अफवाह भी फैलने लगी थी कि यह उनकी आबादी को घटाने की साजिश है। संजय गांधी ने आपातकाल के दौरान पुरुषों की नसबंदी का अभियान शुरु कर दिया। इस काम में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को टारगेट दिया गया। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों को संदेश मिला, ” नसबंदी कार्य में शामिल सभी कर्मचारियों को यह सूचित कर दिया जाए कि यदि टारगेट पूरा नहीं हुआ तो न सिर्फ उनका वेतन रुकेगा बल्कि निलंबन के साथ उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया जाएगा।”

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