बिहार में तो नहीं था 370, फिर सुशासन की सरकार में क्यों नहीं हुआ विकास?
370 का “विकास” कनेक्शन…ऊर्फ बिहार बनाम कश्मीर
15 साल से बिहार के इंजन नंबर 2 (डबल इंजन वाले सरकार के डिप्टी सीएम) श्री सुशील कुमार मोदी जी ने कहा कि 370 हटने से बिहार के युवाओं को कश्मीर में रोजगार मिलेगा. ये बयान भाजपा के एक वरिष्ठ 15 साल से लगातार सत्ता में रहे नेता की अपनी सरकार की असफलता का स्वीकारोक्तिपूर्ण बयान है.
मोदी जी पिछले तीन-चार दिनों से दिल्ली के एम्स में है. उनके गॉल ब्लाडर में स्टोन था. उसका ऑप्रेशन करवाने वे पटना से दिल्ली आए हुए है. ऑपरेशन सफल हुआ है. ईश्वर उन्हें शीघ्र स्वस्थ्य करें. लेकिन, लगे हाथ ये भी बता देते मोदी जी कि 15 साल में बिहार में एक ऐसा अस्पताल तक बनवा पाने में वे क्यों असफल रहे, जहां विश्वासपूर्वक अपने गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन तक करवा सकते थे. वैसे, इलाज कहां करवाना है, ये व्य्कति की निजी पसन्द है. लेकिन, सवाल तो है, कि भाई, बिहार में तो आर्टिकल 370 नहीं था, क्यों नहीं बनवा पाए एक ढंग का अस्पताल कि आज एक सिंपल ऑपरेशन के लिए भी बिहार के डिप्ती सीएम को दिल्ली आना पड रहा है.
अब प्रधानमंत्री मोदी जी के कल के भाषण ऊर्फ राष्ट्र के नाम संबोधन को सुनिए. पूरे 38 मिनट वे इसी बात को जस्टीफाई करते रहे कि कैसे 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर का विकास बाधित हो रहा था? अब उन्होंने कहा, आपने मान लिया. लेकिन, मैंने थोडा डेटा खंगाल लिया. मानव विकास से संबंधित लगभ्ग जितने भी सूचकांक है, सब पर जम्मू-कश्मीर जैसा राज्य आर्टिकल 370 होने के बाद भी, एमपी, यूपी, बिहार, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश से आगे है. बेहतर स्थिति में है. चाहे इंफैंट मोर्टालिती रेट हो, जीवन प्र्त्याशा हो, पर कैपिटा स्टेट जीडीपी की बात हो, डॉक्टर्स की संख्या की बात हो. सब में जम्मू-कश्मीर आगे है.
तो मसला सिर्फ इतना है कि ये एक साहसिक निर्णय था. राजनीतिक निर्णय था. इसका परिणाम कश्मीरियों को तय करना है. हम सब दर्शक है. हमारी भावनाओं का सरकार ने बस पुष्टीकरण (तुष्टीकरण!) किया है. विशुद्ध राजनीतिक फायदे के लिए. जो होगा निश्चित. रहा सवाल “विकास” का तो देखते है, क्या होता है? वैसे बिहार-यूपी का देख ही रहे है, जहां आर्टिकल 370 नहीं था…..लेकिन विकास नाम की चिडिया लुप्तप्राय प्रजाति की श्रेणी में शामिल हो गया है…
लेखक: शशि शेखर