सालों बाद खुला भारत-नेपाल का बॉर्डर, बिहार के लोग हेल्थ चेकअप के बाद पैदल जा सकेंगे इधर-उधर

कोरोना काल में बंद हुआ भारत-नेपाल बॉर्डर खुला:डेढ़ साल बाद पैदल आवागमन के लिए खुला भारत-नेपाल का जोगबनी मुख्य बॉर्डर; सीमा पर स्वास्थ्य जांच होने के बाद ही आगे जाने का मिलेगा परमिशन

भारत-नेपाल के बीच जोगबनी का अंतर्राष्ट्रीय सीमा को डेढ़ साल के बाद खोला गया। हालांकि अभी केवल पैदल आने-जाने के लिए सीमा खुला है, जिसके बाद बॉर्डर पर चहलकदमी बढ़ गयी है। लम्बे अर्से के बाद खुले जोगबनी मुख्य बॉर्डर से दोनों देशों के सीमा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।

केवल पैदल ही आवाजाही कर सकते हैं लोग

डेढ़ वर्ष बाद मुख्य सीमा से होकर भारत-नेपाल के बीच केवल पैदल ही आवाजाही की अभी अनुमति मिली है। बाइक, साइकिल सहित अन्य वाहनों के परिचालन पर अभी रोक लगा है। नेपाल मोरंग के मुख्य जिला अधिकारी (सीडीओ) कोशहरी निरौला ने बताया कि लोगों की आवाजाही केवल मुख्य चौकी से होगी। सहायक चौकी से लोगों के आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक लागू रहेगा।

उन्होंने कहा कि रानी विराटनगर नाका से पैदल चलने वालों को अनुमति देने का मुख्य उद्देश्य वहां तैनात स्वास्थ्य डेस्क है। जहां स्वास्थ्य जांच डेस्क होने के कारण स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पालन करना आसान होगा। सीडीओ श्री निरौला ने कहा कि नेपाली नागरिक रानी विराटनगर नाका के जरिये भारत जा पायेंगे और फिर वापस लौट पायेंगे। आने जाने वालों के लिए अलग रूट की व्यवस्था की जायेगी।

नेपाल में प्रवेश करने वालों के लिए प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच जरूरी होगी। नेपाल मोरंग जिला पुलिस के एसपी जनार्दन जीसी ने सीमा पर अनुमति के बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने बताया कि आवाजाही करने वालों को सीमा पर जांच के बाद ही आगे जाने का निर्देश है।

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