गरीब किसान की बिटिया बनी जज साहिबा, पहली बार में मिला 36 रैंक, UPPSC में लहराया परचम

बचपन से जज बनने का सपना संजोय रखने वाली किसान की बेटी अक्षि गिल ने प्रदेश में 36वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ऐसे ही गजरौला की एक बेटी ने भी सपना साकार किया है। इस कामयाबी से स्वजन में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

प्रथम प्रयास में ही 36वीं रैंक हासिल करने वाली अक्षि गिल क्षेत्र के गांव मल्हूपुरा निवासी क्षेत्रपाल सिंह उर्फ बबलू की दो संतानों में बड़ी है। छोटा भाई अरेंजय भी नोएडा से लॉ की पढ़ाई कर रहा है। बचपन से ही उसका जज बनने का सपना था। सेंटमेरी कान्वेंट स्कूल गजरौला से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के दौरान क्लेट परीक्षा पास कर डा. राममनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ से एलएलबी व एलएलएम की डिग्री हासिल की।

रोजाना करती थी सात से आठ घंटे
अक्षि गिल का कहना है कि रोजाना सात से आठ घंटे ही पढ़ाई करती थीं। साथ ही सप्ताह में एक दिन वह ब्रेक भी लेती थी। यू-टयूब के माध्यम से उसे काफी कुछ सीखने को मिला। इंटरनेट मीडिया से से भी थोड़ी दूरी बनाकर रखी है। हालांकि करंट अफेयर के लिए वह तीन चार दिन में जरूर इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहती है।

इंटरव्यू में पूछा था दहेज पर सवाल
अक्षि गिल ने बताया कि उनसे इंटरव्यू में दहेज के संबंध में प्रश्न पूछा, जिस पर उन्होंने दहेज प्रथा को समाज के लिए गलत प्रथा बताया। उन्होंने कहा कि हर एक मां बाप अपनी लड़की शिक्षित, संस्कार एवं नैतिकता को सिखा कर उसे इस काबिल बनाता है। जो, उसकी सारी मेहनत उनकी आगामी पीढ़ी के लिए हमेशा काम आती है।

अक्षि ने अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय वह मां रजनी चौधरी को देती हैं। अंग्रेजी से एमए तक पढ़ाई कर गांव में आने के बावजूद उन्होंने गांव में रहने के बावजूद उसकी अच्छी शिक्षा दीक्षा दी। पिता व भाई का हमेशा उसको सपोर्ट मिला। जिससे वह इस मुकाम तक पहुंच सकी है। उधर गजरौला के मुहल्ला अल्लीपुर भूड़ निवासी राजस्व निरीक्षक सुभाष की पुत्री आकांक्षा पिपील ने भी 262वीं रैंक हासिल करके नाम रोशन किया है।

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