बिहार को मिला किसान रेल, फतुहा में बनेगा कार्गाे सेंटर, लीची-मखाना की खेती करने वालों को लाभ
आम बजट में किसान रेल का किया गया है प्रावधान, बिहार को भी मिलेगी
किसान रेल बिहार से भी चलेगी। अब हाजीपुर का केला, मुजफ्फरपुर की लीची, भागलपुर का कतरनी चावल, राेहतास का गाेविंद भाेग चावल, मिथिला का मखाना समेत अन्य कृषि उत्पाद किसान अासानी से दूसरे राज्याें में भेज सकेंगे। किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा।
फतुहा में इसके लिए कार्गो सेंटर बनाया जाएगा। आम बजट में किसान रेल का प्रावधान किया गया है। फतुहा के कार्गो सेंटर को सेंट्रल रेल साइड वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन डेवलप करेगा। वहां पहले से ही एक रैक साइड को डेवलप किया जा रहा है। नया कार्गो सेंटर पहले की अपेक्षा बड़ा होगा। इसमें काेल्ड स्टाेरेज और टेंपरेचर मेंटेन करने के संयंत्र लगाए जाएंगे, ताकि बाहर भेजे जाने वाली फल-सब्जी खराब न हाें।
रेफ्रिजिरेटेड पार्सल वैन : नाै रिफ्रिजरेटेड पार्सल वैन रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के से खरीदा गया है। इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इन रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन को राउंड-ट्रिप के आधार पर बुक किया जाता है और ट्रेन की श्रेणी के अनुसार सामान्य वीपी के माल का 1.5 गुना शुल्क लिया जाता है।
रेफर (वेंटिलेटेड इंसुलेटेड) रेल कंटेनर : देश के विभिन्न हिस्सों में फलों और सब्जियों की आवाजाही के लिए काॅनकाेर के माध्यम से 98 वेंटिलेटेड इंसुलेटेड कंटेनर (क्षमता 12 टन प्रति कंटेनर, रैक कम्पोजिशन 80 कंटेनर) खरीदे गए हैं। फतुहा और मानेश्वर में तापमान नियंत्रित स्टोरेज विकसित करने के लिए केंद्रीय रेलसाइड वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन को मंजूरी दी गई है।
सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की कड़ी में किसान रेल चलाने का फैसला किया है। इसके जरिए भंडारण, वित्त पोषण, प्रसंस्करण और विपणन का समाधान भी संभव हाेगा। बजट प्रस्ताव के अनुसार दूध, मांस, मछली, फल अादि के लिए निर्बाध राष्ट्रीय शीत आपूर्ति शृंखला का निर्माण किया जाएगा।