HC : कोटा में रह रहे बिहारी छात्रों को झटका, सरकार ने कहा- लाकडाउन में छात्रों को लाना असंभव है

कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने के मामले पर राज्य सरकार ने आज पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल को रिपोर्ट पेश किया है । राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के लॉकडाउन निर्देशों का हवाला देते हुए कोर्ट से कहा है कि छात्रों को वापस लाना संभव नहीं हैं। चीफ जस्टिस संजय करोल सरकार के इस जवाब के बाद 27 अप्रैल को सुनवाई करेगे। हलाकि जिस निर्देश का हवाला देकर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्य अमृत ने कोटा में फंसे बिहारी बच्चों को बिहार लाने को तैयार नहीं है । उस निर्देश को ख़ुद बीजेपी शासित राज्य यूपी ,एमपी और गुजरात कि सरकार ने नहीं माना और अपने राज्यों के बच्चों को लाने के लिए बस भेजा ।

हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को दिया निर्देश-पांच दिनों में जवाब दें, 27 अप्रैल को अगली सुनवाई : राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने के मामले में गुरुवार को एक याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि 5 दिनों के अंदर इस मामले पर जवाब दें। अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। जस्टिस हेमंत कुमार और आरके मिश्रा की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई की। पटना के रहने वाले पवन कुमार के वकील प्रकृति शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की बात कही गई थी।

इससे पहले एक अधिवक्ता अजय ठाकुर ने इसी मामले को लेकर चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था। पत्र पर संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल ने रजिस्ट्रार जनरल को यह निर्देश दिया था कि वह इस मामले में राज्य सरकार का पक्ष लें। चीफ सेक्रेट्री को इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

नीतीश का स्टैंड साफ-छात्रों को वापस लाना लॉकडाउन से खिलवाड़ : कोटा से छात्रों को वापस लाने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर बच्चों को वापस लाया जाएगा तो यह लॉकडाउन सफल नहीं होगा। लॉकडाउन में अगर इस तरह का खिलवाड़ होगा तो कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। नीतीश ने कहा है कि राजस्थान सरकार वहां रह रहे छात्रों को पूरी सुविधा दे।

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