गेहूं उत्पादन में नंबर 1 बना बिहार, पांचवीं बार मिलेगा कृषि कर्मण पुरस्कार

बिहार का चयन एक बार फिर कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए हुआ है। राज्य को यह पुरस्कार वर्ष 2017-18 में गेहूं के उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन के लिए मिलेगा। राज्य को यह सफलता पांचवी बार मिली है। केन्द्र सरकार पुरस्कार के तहत राज्य सरकार के साथ दो उच्चतम उत्पादन करने वाले किसानों को भी पुरस्कृत करेगी। कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने इसके लिए राज्य के किसानों को बधाई दी है। पुरस्कार में राज्य सरकार को ट्रॉफी के साथ दो करोड़ रुपये भी मिलेंगे।

इसी के साथ राज्य सरकार द्वारा चयनित दो किसानों को दो-दो लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा। केन्द्र ने विभाग के सचिव डा. एन सरवण कुमार को इसकी सूचना देते हुए दस अक्टूबर तक दो सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करने करने वाले किसानों का प्रोफाइल भेजने को कहा है। इसी के साथ चयनित किसानों के बेहतर प्रदर्शन का प्रमाण भी केन्द्र को भेजना होगा। राज्य सरकार को गेहूं उत्पादन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलेगा।

इसके पहले भी चावल और गेहूं के लिए एक-एक बार और मक्का के उत्पादन के लिए दो बार कृषि क्षेत्र में देश का यह सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिल चुका है। बिहार को पहली बार कृषि कर्मण पुरस्कार 2011-12 में चावल के सर्वाधिक उत्पादन के लिए मिला था। उसके बाद 12-13 में गेहूं व 2015-16 व 2016-17 में मक्का के सर्वाधिक उत्पादन के लिए पुरस्कार मिला। 2017-18 में राज्य में गेहूं का कुल उत्पादन 61. 04 लाख टन हुआ था। उस वर्ष राज्य में कुल अनाज का उत्पादन 178. 03 लाख टन हुआ है।

उधर, बेहतर कार्य के लिए बिहार की तीन ग्राम पंचायतों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए केंद्रीय पंचायत मंत्रालय ने किया है। इनमें जहानाबाद के मखदुमपुर की धरनाई, नालंदा के नगरनौसा की दामोदरपुर बालधा व सीतामढ़ी की सिंवाहिनी पंचायत हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *