बिहार में लगेगा राष्ट्रपति शासन, भाजपा चाहती है कि समय पर ना हो विधान सभा चुनाव ?

क्या बीजेपी बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में है? : बिहार में कोरोना के प्रकोप के बीच चुनाव की तैयारियां चल रही है. कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बावजूद राज्य सरकार की मशीनरी और चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है. इस बीच विपक्ष ने विरोध जताना भी शुरू कर दिया है. पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और फिर रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ सभी विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना को हराने की जगह बिहार सरकार चुनाव कराना चाहती है. यही नहीं लोजपा प्रमुख चिराग पासवान भी चुनाव टालने को लेकर बयान दे चुके हैं. इसे लेकर प्रदेश में राजनीति भी अपने चरम पर है.

जदयू चाहती है कि समय पर हो जाएं चुनाव : जदयू के नेतृत्व वाली बिहार सरकार चाहती है कि हर हाल में तय समय पर विधानसभा चुनाव हो जाए. जदयू सोचती है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा और इससे प्रशासन की कमान बीजेपी के पास जा सकती है. नीतीश कुमार किसी भी हाल में ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं और उनके परम राजनीतिक मित्र उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार के साथ खड़े होते हुए ट्विट भी कर चुके हैं कि फेल होने के डर से कुछ लोग परीक्षा में भाग ही नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि भाजपा के ज्यादातर नेता इस मसले में प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं. चाहे वह प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल हों या फिर केंद्रीय मंत्री सह पटना के सांसद रविशंकर प्रसाद. अन्य बड़बोले नेता भी कोई बयान देने से बच रहे हैं.

75 भाजपा नेताओं के कोरोना पाजिटिव आने की खबर फैलायी गयी? : इस बीच मंगलवार को सुबह-सुबह 75 से ज्यादा भाजपा नेताओं के बीमार होने की खबर फैली. मीडिया के एक वर्ग में यह तेजी से खबर फैली कि 75 से ज्यादा भाजपा नेता कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इसके बाद प्रशासन ने बीजेपी ऑफिस को सील भी कर दिया. सुशील मोदी ने दोपहर बाद एक और ट्विट कर यह कहा कि 75 की बतायी गयी संख्या बिल्कुल ही गलत है, कुल 24 बीजेपी वर्कर्स ही पॉजिटिव हैं.

राजनीतिक विशेषज्ञ इसके पीछे भी बीजेपी की रणनीति देख रहे हैं. दरअसल बीजेपी यह चाहती है कि जब बीजेपी नेताओं में कोरोना होने की खबरें शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचेगी तो आलाकमान जागेगा और फिर तय समय पर चुनाव नहीं होकर उसे आगे बढ़ा दिया जायेगा. इसके कारण राष्ट्रपति शासन की संभावना बलवति होगी. यही नहीं चिराग पासवान द्वारा चुनाव टालने के बयान को भी बीजेपी की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है ताकि एनडीए से एक आवाज रहेगी तो उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाने में आसानी हो सकती है.

-RAVISHANKAR UPADHYAY

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