प्रयागराज से बिहार आ रहे मजदूर ने रास्ते में ही तोड़ा दम, 21 लोगों की जा चुकी है जान
Patna: को/रोना वा/यरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. बड़ी संख्या में कामगार, दिहाड़ी मज़दूर और दूसरे लोग शहरों से गांव की तरफ पलायन कर रहे हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक़ लाखों लोग इस दौरान राज्य में आ चुके हैं. कई मज़दूर अपने गांव तक पहुंचने के लिए पैदल निकल गए. कई दिनों की पैदल यात्रा के बाद कुछ अपने घर तक पहुंच पाए तो कुछ रास्ते में ही जान गंवा बैठे.
ख़बर है कि 1 अप्रैल को प्रयागराज से पैदल चले एक मज़दूर की रास्ते में ही मौ/त हो गई. वो अपने चार साथियों के साथ प्रयागराज से पैदल ही निकला था. अगर गूगल मैप पर देखें तो पता चलता है कि प्रयागराज से भगवानपुर(बिहार) की दूरी सड़क से लगभग 9 घंटों में पूरी की जा सकती है. ट्रेन से ये दूरी लगभग 14 घंटों में पूरी हो सकती है और पैदल इस दूरी को लगभग 90 घंटों यानी चार दिनों में पूरा किया जा सकता.
मृ/तक मज़दूर का नाम विलास महतो है और वो राज्य के भगवानपुर का रहने वाला था. उसकी मौ/त डेहरी में हुई है. लॉकडाउन की वजह से ये पहली मौ/त नहीं है. पिछले आठ दिनों के भीतर 21 मज़दूरों की मौ/त हो चुकी है जो लंबी-लंबी यात्रा पर पैदल निकले थे. मृ/तक के साथ यात्रा कर रहे मज़दूरों ने बताया कि यात्रा के दौरान उसने पेट में दर्द की शिकायत की थी.
बीबीसी हिंदी की ख़बर के मुताबिक़ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 29 मार्च 2020 तक को/रोना वाय/रस के चलते देश में कुल 25 लोगों की मौ/त हो चुकी थी. दूसरी ओर, लॉकडाउन के चलते रोड एक्सीडेंट्स और मेडिकल इमर्जेंसी से अब तक 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. लॉकडाउन के ऐलान के बाद से सड़क हाद/सों के 4 मामले सामने आए हैं. बहुत ज्यादा पैदल चलने की वजह से मेडिकल इमर्जेंसी के 2 मामले देखे गए हैं और अन्य प्रकार की घटनाओं का एक मामला सामने आया है.
आपको बता दें कि कोरोना के एक्टिव पॉजिटिव मामलों की संख्या 2000 पर पहुंच गई है. अब तक भारत में को/रोना की वजह से कुल 50 लोगों की मौ/त हो चुकी है. को/रोना से संक्र/मित 151 लोगों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है. 14 अप्रैल 2020 तक सभी विदेशी उड़ानों पर रोक लगाई जा चुकी है.